खराब लिफ्ट में थ्रीसम चुदाई

हेलो मेरे प्यारे दोस्तों, मैं प्रीथनका, अपनी अगली सेक्स स्टोरी के साथ आप सब के सामने हाज़िर हू. मेरी उमर 23 साल है, और मैं पुंजब के लुधियाना से हू. फिगर साइज़ मेरा 34-29-36 है. रंग मेरा गोरा है, और मेरे जिस्म के कोने-कोने से रस्स टपकता रहता है. चलिए अब मैं कहानी शुरू करती हू.

कुछ दिन पहले मेरी मम्मी को थोड़ी शॉपिंग करनी थी, तो उन्होने मुझे साथ चलने के लिए बोला. मुझे जाने का कोई ख़ास मॅन नही था, लेकिन फिर भी मैं उनके साथ चली गयी. मैने वाइट शॉर्ट्स और रेड त-शर्ट पहनी थी. हमे लुधियाना के पेविलियन माल जाना था, तो मैने मम्मी को स्कूटर पर बिताया, और वहाँ ले गयी.

वहाँ पहुँच कर मम्मी शॉपिंग करने लगी, और मैं इधर-उधर देखने लगी. कुछ ही मिनिट में मेरा ध्यान एक लड़के पर पड़ा. वो दिखने में भी काफ़ी हॅंडसम था. जब उसने मुझे देखा, तो मैने उसको एक स्माइल दी.

अब लड़कों को पाटने के लिए लड़की की एक स्माइल ही काफ़ी होती है. मेरी स्माइल देख कर ही वो लड़का मेरे पीछे हो लिया. अब मम्मी और मैं जहाँ जाते, वो लड़का हमारे पीछे आ जाता. उसके साथ उसका एक दोस्त भी था, और वो भी दिखने में ठीक-ताक था.

फिर एक शॉप पर वो मेरे बिल्कुल पास आके खड़ा हो गया. मम्मी का ध्यान दूसरी तरफ देख कर उसने मेरे हाथ को टच किया. मैने शर्मा कर सर नीचे कर लिया, और अपने बालों में हाथ फेरने लगी. उसके छूने से मेरे जिस्म में करेंट सा लगा.

तभी मम्मी ने कहा: बेटा मेरा पर्स नीचे स्कूटर में ही रह गया है. ज़रा लेके आओगी?

मैने मम्मी को ओक बोला, और नीचे जाने लगी. जैसे ही मैं लिफ्ट में एंटर हुई, वो लड़का और उसका दोस्त भी लिफ्ट में आ गये. अब मेरी धड़कने तेज़ होने लगी. फिर वो लड़का मेरे पास आके बोला-

लड़का: ही, मेरा नाम राजीव है. आपका नाम क्या है?

मैं: मेरा नाम प्रीथनका है.

राजीव: प्रीथनका आप बहुत ब्यूटिफुल हो. मुझसे दोस्ती करोगी?

मैं: हा ज़रूर.

इससे पहले हम और बात करते, लिफ्ट अचानक से रुक गयी, और एमर्जेन्सी लाइट ओन्न हो गयी. ये देख कर मैं घबरा गयी. तभी अनाउन्स्मेंट हुई की लिफ्ट खराब हो गयी थी, और उसको ठीक होने में 20-25 मिनिट्स लग सकते थे. मुझे बंद लिफ्ट में घबराहट होती है, इसलिए मैं दर्र गयी. राजीव ने मुझे हॉंसला दिया, और शांत रहने को कहा. लेकिन मैं रोने लग गयी.

ये देख कर राजीव ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया. लेकिन मेरी घबराहट फिर भी ठीक नही हो रही थी. ये देख कर अचानक से राजीव ने अपने होंठ मेरे होंठो से मिला दिए, और मेरे होंठ चूसने लगा. इससे मेरा ध्यान एक-दूं से डाइवर्ट हो गया, और मैं भी उसका साथ देने लगी.

मेरा साथ पा कर राजीव और भी गरम-जोशी से मेरे होंठ चूसने लगा. मैं गरम होने लगी, और मेरी छूट में खलबली सी मचने लगी. कुछ देर में किस करते हुए राजीव ने अपने हाथ मेरी गांद पर रख दिए, और शॉर्ट्स के उपर से मेरी गांद दबाने लगा. इससे मैं और उत्तेजित हो गयी, और ह्म ह्म करने लगी.

अब उसका लंड मुझे अपनी लोवर वेस्ट पर महसूस हो रहा था. फिर किस करते-करते वो मेरी शॉर्ट्स का बटन खोलने लगा. मैने भी उसको नही रोका. उसने मेरी शॉर्ट्स को नीचे कर दिया, और पनटी के उपर से मेरे चूतड़ मसालने लगा. मैं समझ गयी थी की अब उसी लिफ्ट में मेरी चुदाई होने वाली थी. ये सोच कर मैं काफ़ी एग्ज़ाइटेड भी थी.

फिर राजीव ने मेरी त-शर्ट और ब्रा उतार दी, और मेरे बूब्स को चूसने लगा. अब मैं पनटी में थी. राजीव का दोस्त अब तक हम दोनो को सिर्फ़ देख रहा था. लेकिन कब तक एक लड़का खुद को कंट्रोल करके रखेगा, वो भी तब, जब मेरे जैसी सेक्सी लड़की पनटी में खड़ी हो?

तभी उसका दोस्त मेरे पीछे आ गया, और मेरी पीठ पर किस करने लगा. मैने उसको रोका नही. मैने सोचा अब मज़ा लेना ही है तो दोनो को लेने देती हू. राजीव ने भी उसको रोका नही.

अब राजीव मेरे बूब्स चूस रहा था, और वो लड़का मेरी पीठ पर किस करता हुआ नीचे चला गया, और मेरी पनटी उतार दी. अब मैं पूरी नंगी हो चुकी थी. फिर उस लड़के ने मेरे छूतदों में अपना मूह डाल दिया, और मेरी छूट और गांद के च्छेद पर जीभ फेरने लगा. मैं तो जैसे पागल होने लगी, और राजीव से सर को अपने बूब्स में दबाने लगी.

फिर राजीव ने मेरे बूब्स छ्चोढे, और अपनी पंत और अंडरवेर उतार दिए. अब उसका खड़ा लंड मेरे सामने था, जो काफ़ी मस्त दिख रहा था. फिर उसने मुझे अपने लंड तक झुकाया, और मैने उसका लंड मूह में डाल लिया.

उसके लंड से थोड़ी स्मेल आ रही थी, लेकिन चूसने में मज़ा आ रहा था. पीछे से उसका दोस्त मेरी छूट छाते जेया रहा था. अब मेरी गांद उसके सामने झुकने की वजह से खुल चुकी थी.

कुछ देर में उसके दोस्त ने चटाई बंद की, और सीधे हो कर अपना लंड बाहर निकाल लिया. मैं राजीव का लंड चूसने में मस्त थी. उतने में उसके दोस्त ने अपना लंड मेरी छूट पर सेट किया, और फॅक करके अंदर घुसा दिया. मेरी चीख निकलनी थी, लेकिन मूह में लंड होने की वजह से नही निकली.

फिर वो लंड अंदर-बाहर करके मेरी चुदाई करने लगा. उसके मूह से निकल रही आ आ की आवाज़े मैं सुन पा रही थी. अब राजीव मेरे मूह में लंड पेल रहा था, और उसका दोस्त मेरी छूट में. पीछे से ठप-ठप, और आयेज से घाप-घाप की आवाज़े आ रही थी.

कुछ देर में दूसरे लड़के का पानी निकालने वाला था, तो उसने लंड बाहर निकाल लिया, और मेरी गांद पर रगड़ने लगा. फिर मुझे उसका स्पर्म अपनी गांद पर गिरता महसूस हुआ. उसके बाद वो पीछे हॅट गया.

फिर राजीव मेरे पीछे आया, और उसने मेरी छूट में लंड डाल दिया. सामने से मेरे हाथ मैने दीवार पर रख लिए. अब राजीव तेज़ी से मेरी छूट चुदाई करने लगा. मैं भी जल्दी ही अपने चरम पर पहुँच गयी. फिर राजीव आ आ करने लगा, और उसने अपना माल मेरे अंदर ही निकाल दिया. वो आ आ करते हुए बोला-

राजीव: सॉरी मैं टाइम पर बाहर नही निकाल सका.

मैं: कोई बात नही.

फिर हम सब ने कपड़े पहने, और लिफ्ट खुलते ही बाहर निकल गये. वो दोनो चले गये, और मैं मम्मी का पर्स लेके वापस उपर चली गयी.

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