माँ और ताउजी की खेत में चुदाई

ताऊ जी ने कहा- अभी तो आधा बाहर ही है।

माँ ने यह समझ लिया कि आज उनकी गोरी चूत फटने वाली है। माँ की हर कोशिश को नाकाम करते हुए ताऊ जी माँ के चूत में अपने लण्ड को अन्दर ले जा रहे थे। माँ ने जब देखा कि अब बरदाश्त से बाहर हो रहा है तो उन्होंने ताऊ जी से कहा- मैं आपसे बहुत छोटी हूँ आआआआह्हह्हह्हह््लल्लल्लीईईईईज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़। आआआह्हह। नहीईईई उईआआआअह्ह्हह्हह।

ताऊ जी ने लगातार कई जोरदार झटके मार कर पूरे लण्ड को माँ के बुर में घुसा दिया तथा माँ की चूचियों को मसला। अब माँ को भी मजा आने लगा था। शायद माँ को इसी का इन्तजार था। ताऊ जी ने अपने झांट को माँ की झाँट में पूरी तरह से सटा दिया और इस तरह से उन्होंने पूरे पैंतीस मिनट तक माँ की चुदाई की। इसके बाद माँ और ताऊ जी शान्त पड़ गये तब मैं समझ गया कि माँ की बुर में ताऊ जी का बीज गिर गया है। वो दोनो पूरी तरह से थक चुके थे। अब ताऊ जी ने लण्ड को निकाल दिया और माँ की बगल में लेट गये। फ़िर दोनो ने कपड़े पहने और वहाँ से चलने लगे। तब मैं भी वहाँ से हट गया ताकि उनको पता ना चले कि मैंने सब कुछ देख लिया है। हम तीनों घर वापस आ गये।

ताऊ जी माँ को देख कर मुस्कुराने लगे कि तुम्हारे बेटे को कुछ नहीं पता चला। लेकिन मैंने भी उनको ऐसा ही दिखाया कि मुझे कुछ नहीं पता है।

यह कहानी भी पड़े  पहली बार सेक्स: चाची की बहन चोद दी

मेरी दूसरी कहानी आने वाली है कि ताऊ जी ने माँ को हमारे यानि के शहर वाले घर में कैसे चोदा। तो इन्तजार करो दोस्तो।

Pages: 1 2 3



error: Content is protected !!