Khushboo Bhabhi Ke Kamuk Badan Ki Madakta

अन्तर्वासना पर हिन्दी सेक्स कहानी के सभी पाठकों को संजय का नमस्कार!
मैं दिखने में हल्का सांवला और 5’10” गठीला और छरहरा शरीर का हूँ। मैं 2 वर्षों से नियमित रूप से अन्तर्वासना की कामुकता भरी कहानियों को पढ़ रहा हूँ।

बात उन दिनों की है.. जब मैं एम ए की पढ़ाई कर रहा था। उस समय मैं किराए पर कमरा लेकर शहर में रहता था और अपनी पढ़ाई में बिज़ी रहता था।
पास में ही मेरे कमरे के बगल में ही एक फैमिली रहती थी, वे केवल दो ही लोग थे.. अभी शायद ‘न्यू कपल’ थे।

भाभी से दोस्ती
एक दिन मेरे कमरे में पानी ख़त्म हो गया तो मैं उनके यहाँ पीने का पानी लेने गया।
दरवाजे पर घंटी बजाई तो थोड़ी ही देर में दरवाजा खुला।

जैसे ही दरवाजा खुला.. मैं सामने एक सुंदर लड़की की उम्र की नवविवाहिता को देख कर देखता ही रह गया।
तभी उसने पूछा- क्या काम है?
तो मुझे एकदम से होश आया.. और मैंने पानी लेने के लिए बोला।

वो मुस्कराने लगी.. और पानी देने के लिए तैयार हो गई और मुझे अन्दर आने को कहा। इसी दरमियान उसने मुझसे पूछा- तुम क्या करते हो?
तो मैं बोला- पढ़ता हूँ।

और बस इसी प्रकार उससे धीरे धीरे बातचीत होना शुरू हो गया।
अब कभी कुछ चीज़ की उसको ज़रूरत पड़ती तो कॉल कर देती थी और मैं उसकी जरूरत का सामान ला देता या कुछ काम भी कर देता था।
इसी क्रम में बातचीत करने से पता चला कि उसके पति अक्सर बिजनेस के सिलसिले में बाहर ही रहते थे।

यह कहानी भी पड़े  मॉडेल को बालकोनी में लाके किया मज़ा

बाद में एक दिन उसके पति से भी मुलाकात हुई और उनसे भी बातचीत होने लगी।
इस प्रकार मैं उस घर का विश्वस्त व्यक्ति बन गया।

मैं उससे इतना घुल मिल गया कि अब मैं खाली समय में उसके घर टीवी देखने भी चला जाता था।
मैं उसे भाभी ही कहता था।

मुझे अभी तक उसका नाम नहीं मालूम था।

भाभी ने मुझे अपने घर बुलाया
एक दिन ऐसे ही शाम के करीब 5 बजे भाभी ने कॉल करके मुझसे पूछा- क्या कर रहे हो संजय?
मैं बोला- कुछ नहीं ऐसे ही पढ़ाई कर रहा हूँ.. लेकिन अब पढ़ने का मन नहीं कर रहा है।
तो वो बोली- मेरा भी मन नहीं लग रहा है.. कोई नहीं है, यहीं पर आ जाओ किताब लेकर, पढ़ना भी और मैं भी तुमसे बात करती रहूंगी, मेरा भी मन लगा रहेगा।

तो मैंने ‘हाँ’ कर दी और उसके घर चल दिया।
उसके घर पर जाते ही जैसे मैंने दरवाजे पर उसे देखा तो आज वो कुछ अलग ही नज़र आ रही थी।

मैं भाभी को कुछ देर तक देखता ही रह गया। वो सफ़ेद रंग की पारदर्शी नाइटी पहने हुए थी और अन्दर लाल रंग की ब्रा और पैन्टी साफ-साफ दिख रही थी।

उसका रंग एकदम गोरा दूधिया था.. और उसके होंठ सुर्ख लाल थे।
वो दिखने में एकदम अप्सरा जैसी थी।

तभी भाभी अचानक टोकते हुए बोली- क्या हुआ संजय? क्या इतने गौर से देख रहे हो? मुझे इस से पहले कभी नहीं देखा क्या?
मैंने उससे नज़रें मिलाते हुए कहा- आज आप कुछ ज़्यादा ही सुंदर दिख रही हैं।
तो वो खुश हो कर बोली- सच में?
मैं बोला- हाँ..

यह कहानी भी पड़े  लड़की लड़के के पीछे पड़ गयी और उसने मज़ा किया

इसके बाद भाभी मुझे बैठा कर चाय बनाने चली गईं।

थोड़ी देर में ही वो वापस चाय ले कर आई, हम दोनों पास में ही बैठ कर चाय पीने लगे और टीवी देखने लगे।

Pages: 1 2 3 4



error: Content is protected !!