नमस्ते दोस्तों, तो जैसा की आपको पता है की मैं अपने पापा की रखैल हू, और घर के सारे मर्द मुझे छोड़ चुके है, अकेले में और ग्रूप में भी.
मेरे बर्तडे के दिन की चुदाई के बाद मेरी शादी की बात चलने लगी थी. जिसके मैं सख़्त खिलाफ थी. मगर पापा ने मुझे छोड़-छोड़ कर हा बुलवा दिया था.
तो उसके कुछ दिन के बाद ही हमे गाओं से फोन आया की कोई नृ मुझे देखना चाहता था. जिसके लिए हमे गाओं बुलाया गया. मैं गाओं जौ, और मेरी चुदाई ना हो, ऐसा हो नही सकता था. मैं उसके लिए तैयार हो कर ही निकली थी. हमे स्टेशन पे लेने बड़े चाचा और उनके बड़े भैया आए हुए थे.
मैं समान रख कर दोनो के पावं चू ही रही थी, की बड़े चाचा ने मुझे गले लगा लिया. बाहर से तो लग रहा था की वो मुझे देख कर फूले नही समा रहे थे. मगर अंदर ही अंदर वो मेरे चुचे का मज़ा ले रहे थे, और मुझे अलग-अलग जगह चू रहे थे. बड़े भैया से तो मैं डोर ही रहती थी. क्यूंकी वो तो इतनी ज़ोर से चुचे मसालते है की दर्द सहन नही होता.
फिर हम घर पहुँचे. तब तक शाम हो चुकी थी, और सब सो चुके थे. मम्मी भी तक कर सोने चली गयी. मैं भी सोने ही जेया रही थी, तभी बड़े भैया ने मेरा हाथ पकड़ कर रोक लिया. भैया ने इतनी ज़ोर से हाथ पकड़ा था की मुझे दर्द हो रहा था.
मम्मी: अर्रे, रुक क्यूँ गयी? चल, सोना नही क्या?
मे: मम्मी. आप चलो, मैं ट्रेन मैं सोई थी ना, तो मुझे नींद नही आ रही. और मुझे भैया से भी कुछ बातें करनी है.
मम्मी: इस लड़की का तो कुछ समझ नही आता. सो जाना मगर, दोनो बातें ही मत करते रह जाना.
भैया: नही चाची जी. आप बेफिकर रहिए. इसको मैं समय से भेज दूँगा.
मैने भैया को देखा. भैया मेरे कानो में बोले. “तो चले?” मैं चुप-छाप भैया के साथ चली गयी. भैया यूष्यूयली मुझे कोठी पे ले-जेया कर छोड़ते थे. मगर इस बार वो मुझे अपने कमरे में ले गये. भाभी कमरे में लेती थी. भैया को आते देख के सीधी खड़ी हो गयी.
मैने भैया के कान में धीरे से बोला: भैया भाभी को तो हमारी चुदाई के बारे में नही पता ना?
भैया: अर्रे, धीरे से क्या बोल रही है? सब पता है इस रंडी को. मेरे बाप से चूड़ते हुए रंगे हाथो पकड़ा है इसे. आज तुम दोनो को साथ में छोड़ूँगा.
मैं हुए बोली: भैया मगर मैं तो अभी-अभी आई हू. नहाई तक नही हू अभी.
भैया ने ये सुनते ही मुझे बाहों में भर लिया, और बोले: उसी में तो मज़ा है मेरी रॅंड.
भैया मेरे सूट के उपर से मेरे चुचे मसालने लगे, और भाभी को मेरी पाजामी खोलने को कहा. भाभी तुरंत मेरे पास आई, और मेरा नाडा खोलने लगी. फिर उन्होने मेरी पाजामी और पनटी दोनो उतार दिए. फिर भाभी खुद ही मेरी झांतो को सहलाने लगी, और मेरी छूट को रब करने लगी.
भैया ने भाभी का सिर पकड़ा, और मेरी छूट पर चिपका दिया. भाभी तुरंत ही उनका इशारा समझ कर मेरी छूट चाटने लगी. मैं और गरम होने लगी. तभी भैया ने मेरा सूट बीच में से फाड़ दिया. मैने ब्रा नही पहना था, तो मैं पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी.
मे: आ आह भैया, भाभी आ. भाभी आप बहुत अछा छूट चट्टी हो.
भैया: चल अब तू उसके कपड़े उतार.
भाभी सिर्फ़ निघट्य में थी, तो उनके कपड़े उतारने में कुछ दिक्कत नही हुई. अब हम दोनो नंगी थी. भाभी का नंगा बदन मैं पहली बार देख रही थी. भाभी थी तो उमर में मुझसे बड़ी, मगर उनकी छूट और चुचे दोनो मुझसे मस्त और टाइट थे. देख कर ही पता चल रहा था की उनकी चुदाई मुझसे बहुत कम हुई थी.
भैया: चल सीमा. दिखा दे तेरी भाभी को, की क्यूँ तू हमारे परिवार की सबसे बड़ी रंडी है.
चूड़ते वक़्त मुझे रंडी सुनना बहुत पसंद है. भैया के मुझे रंडी बोलते ही मेरे अंदर की रंडी जाग गयी. मैं भाभी के पास गयी और उन्हे किस करने लगी. भाभी पहले मुझे किस नही कर रही थी तो मैने उन्हे एक थप्पड़ मारा.
मे: क्या हुआ रंडी भाभी? साथ दो मेरा. आपकी तो अभी बहुत चुदाई होनी बाकी है.
भाभी भी मुझे किस करने लगी. हम दोनो किस करते हुए बेड पर गिर गये. मैं भाभी के उपर थी. मैं भाभी के चुचो को मूह मैं लेकर चूसने लगी. भैया खड़े-खड़े ये सब देख रहे थे. भाभी भी मोन करना शुरू कर चुकी थी. मुझे पता चल गया की उन्हे भी मज़ा आ रहा है.
फिर मैं मूड कर भाभी के साथ 69 पोज़िशन में हो गयी. हम दोनो एक-दूसरे की छूट चाट रहे थे. भैया खड़े हो कर ये सब देख रहे थे. मैं कुछ देर के लिए भूल ही गयी थी, की भैया भी वहाः थे. जब मेरी नज़र उन पर गयी, तो मैने देखा की चाचा भी वहाँ आ चुके थे.
फिर भैया आयेज बढ़े. मैं छूट चाटना बंद कर-कर के एक टक्क भैया को देखने लगी. भैया ने पहले तो आ कर मेरे होंठो को अपने अंगूठे से मसला, और फिर मुझे फेस पर थप्पड़ मारा. मैं और गरम हो गयी. फिर भैया ने दो थप्पड़ भाभी की गांद पे लगाए. भाभी मेरी छूट चाटने में इतनी मदहोश थी, की उन्होने हरकत तक नही की.
फिर चाचा मेरे पास आए, और भैया मेरी छूट की तरफ गये. चाचा ने पहले अपना लंड मेरी मूह में डाला. साथ ही साथ भैया ने लंड भाभी के मूह मैं डाला. हम दोनो लंड चूसने लगे. फिर चाचा ने भाभी की छूट में लंड डाला, और भैया ने मेरी छूट में. फिर हम दोनो की चुदाई शुरू हुई. मैं और भाभी दोनो मोन करने लगे.
भाभी: आ आ आराम से पापा जी.
मे: भैया आ आ आ आपका लंड कमाल है.
भैया: देख रॅंड, यही फराक है तुम दोनो में. तू धीरे करने बोल रही है, और ये मेरी रॅंड बहन और ज़ोर से करने को. तू भी एक दिन इसकी तरह हो जाएगी. इसकी तरह थोड़ी छूट ढीली हो जाएगी, मगर पक्की रॅंड बन जाएगी तू भी.
ढीली छूट सुन कर मुझे तोड़ा बुरा लगा. मगर यहीं सकचाई थी. सब ने मिल कर इतनी चुदाई की ही थी मेरी, की मैं कम उमर में औरत लगने लगी थी.
भैया: तेरी छूट में अब वो बात नही रही.
ऐसा बोल कर भैया ने लंड मेरी गांद में डाल दिया. गांद में भी लंड आराम से चला गया. ऐसे ही हम दोनो को चुदाई कुछ देर तक होती रही. फिर चाचा और भैया ने जगह बदल ली. मैं भी भाभी पर से उतार गयी. भाभी लंबी-लंबी साँसे ले रही थी. मुझे भाभी को देख कर मेरे पुराने दिन याद आ रहे थे.
फिर चाचा ने मेरी दोनो टाँगों को अपनी टाँगों पर रखा. सेम भैया ने भाभी के साथ किया. मैं और भाभी आपस में किस कर रहे थे. उसी पोज़िशन में चाचा ने मेरी गांद की और भैया ने भाभी की छूट की चुदाई शुरू की. दोनो ज़ोर-ज़ोर से शॉट मार रहे थे. मेरी गांद चूड़ने के बाद भी मैं भाभी से कम चीख रही थी. मैं भाभी को ज़ोर से किस करने लगी, ताकि उनकी आवाज़ थोड़ी कम हो जाए.
चाचा: सीमा मुझे तो उस पर तरस आ रहा है, जिसको शादी तुझसे होगी. कैसी रंडी बीवी मिलेगी उसे? जिसके सारे च्छेद ढीले हो चुके है.
भैया: इसीलिए आप मेरी बीवी के पीछे पड़े हो.
ये बोल कर दोनो हासणे लगे. मुझे ये सब सुन कर बहुत बुरा लग रहा था. मगर सब सच था. रंडी तो मैं बन चुकी थी. भाभी को भी ये सब सुन कर बुरा तो लग रहा था. मगर वो कुछ बोल नही रही थी. उन्हे शायद लग रहा था की ये उन्हे उनकी ग़लती की सज़ा मिल रही थी. मगर उन्हे नही पता था की ये लोग ऐसे ही घर की लड़कियों को छोड़ते है.
फिर उन्होने हम दोनो को घोड़ी बनने बोला. हम दोनो घोड़ी बन गयी. फिर दोबारा मेरी गांद की और भाभी की छूट की चुदाई कंटिन्यू हुई. इस बार दोनो बारी-बारी से जगह बदल रहे थे. कभी भैया मुझे छोड़ते, और चाचा भाभी को, और फिर चाचा मुझे और भैया भाभी को.
ऐसे करते-करते भैया ने अपना सारा पानी मेरी कमर पे, और चाचा ने तो भाभी की छूट में ही अपना पानी छ्चोढ़ दिया.
भैया: क्या पापा. फिर आपने उसके अंदर छ्चोढ़ दिया? अगर प्रेग्नेंट हो गयी तो पता कैसे चलेगा की बच्चा किसका है?
चाचा: अगर तेरी तरह दिखा तो मेरा बच्चा होगा, और तेरी तरह नही दिखा, तो पक्का तेरा बच्चा होगा.
भाभी को मैने मुझे सॉफ करने को कहा. भाभी ने मेरी कमर पे से सारा पानी चाट कर सॉफ किया. हम सब नंगे बेड पे लेट गये.
चाचा: चल सीमा, अब तू जेया. सुबा तुझे लड़के वाले देखने आ रहे है. अब हम दोनो तेरी भाभी को तोड़ा और छोड़ेंगे.
फिर जब मैं उठी, दोनो भाभी पर चढ़ गये. भाभी की समझ नही आ रहा था की वो क्या करे. उस रात दोनो ने भाभी की गांद भी मारी. सुबा भाभी को जल्दी उतना होता था, तो रात में सो ही नही पाई. सुबा उन्हे बैठने तक में दिक्कत हो रही थी, और मैं ये सोच रही थी की मुझे ये सब क्यूँ फील नही हो रहा. मुझे कुछ तो उपाए करना होगा.
तो दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी और भाभी की चुदाई. आप लोग मुझे कॉमेंट करके ज़रूर बताए. मुझसे पर्सनल छत करने के लिए सीमा8317149@गमाल.कॉम पे ग-छत पे मेसेज करे.