दोस्तों ने चोदी एक-दूसरे के बहने

हेलो दोस्तों, आपने लास्ट पार्ट में पढ़ा की कैसे अमन मेरी बेहन को अपनी पर्सनल रंडी बनाना चाहता था. पर मैने पूरा दाव उल्टा कर दिया, उसी की बेहन नेहा को बुला कर.

वैसे लास्ट पार्ट में मुझसे एक ग़लती हो गयी थी. दरअसल नेहा के दो नाम है, नेहा और कोमल. सो मैने कन्फ्यूज़ हो कर दोनो नाम उसे कर दिए बिना आपको बताए. खैर इस पार्ट में मैसे उसका नाम नेहा ही उसे किया है.

तो सीन ये था की नेहा और रश्मि मेरा लंड चूस रही थी और अमन छूतियों की तरह हमे देख रहा था. मैने इस मौके का फ़ायदा उठाया, और अपना पूरा माल नेहा को पीला दिया. अब आयेज-

मैने नेहा के मूह में झड़ने के बाद उसे खड़ा किया, और उसको एक ज़ोरदार किस दी. फिर किस करते-करते उसके गले को किस करने लगा.

मैने नेहा को कहा: चलो अपने कपड़े निकाल दो.

और नेहा ने अपनी जीन्स और टॉप को उतार फेंका. अब वो एक ब्लॅक कलर की ब्रा पनटी में थी. मुझसे ये सीन देख के रहा नही गया. मैने उसको सोफा पे गिरा दिया, और उसके उपर चढ़ गया. उसकी ब्रा को मैने नीचे खीचा, और उसके बूब्स को चूसने लगा.

उधर शायद अमन का भी मूड बन गया था, क्यूंकी उसने भी रश्मि के साथ सेम चीज़ की. रश्मि ने रेड कलर की लाइनाये अंदर पहन रखी थी, जिसमे वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. ये देख के मैं पागल सा हो गया.

पर मैं अभी रश्मि के साथ कुछ नही करना चाहता था. अभी मुझे नेहा को छोड़ना था अमन के सामने, ताकि ये मौका मेरे हाथ से चला ना जाए.

मैने नेहा की पनटी को भी निकाल के फेंक दिया, और उसकी ब्रा को उसके पेट तक खींच दिया. उसकी छूट एक-दूं क्लीन शेव्ड थी. मैने नेहा से कान में पूछा-

रोहित: सच-सच बता, क्या तूने इससे पहले सेक्स किया है?

नेहा: नही, ये मेरा फर्स्ट टाइम है. मैने अपने आपको तुम्हारे लिए ही बचा के रखा है.

मेरे तो मज़े ही हो गये थे. आज मुझे एक कक़ची छूट मिलने वाली थी. अमन ने मेरी बहना की रंडी वाली छूट तो छोड़ ली थी, पर ये उसको भारी पड़ने वाला था. क्यूंकी मैं उसकी काली जैसी बेहन की छूट का आज भोंसड़ा बनाने वाला था.

मैने कुछ सोचे बिने नेहा की कुवारि छूट पे अपनी जीभ रख दी, और उसको चाटने लगा. नेहा तो मछली की तरह तड़प उठी, और मेरा नाम लेकर मोन करने लगी.

अमन ने रश्मि के मूह में अपना लंड दिया हुआ था, और वो रंडी उसका लंड को चूस रही थी. अमन हमारे ही पैर के पास सोफा पे बैठा था, और नेहा ज़मीन पे बैठ कर उसका लंड चूस रही थी.

अब मैने नेहा को गोद में उठा लिया, और कहा: हमे बेडरूम में चलना चाहिए.

फिर मैने अमन और रश्मि को भी कहा की वो अंदर चले. अंदर जाते ही मैने नेहा को उठा के बेड पे फेंक दिया, और उसके उपर टूट पड़ा. मैने डाइरेक्ट अपने लंड को उसकी छूट पे सेट किया, और धीरे-धीरे उसकी छूट में अपने लंड को डालने लगा.

उधर अमन से रहा नही गया. उसने भी रश्मि को हमारे बगल में लिटाया, और उसके उपर चढ़ गया. फिर अपने लंड को ज़ोरदार तरीके से बिना किसी रहम के रश्मि की छूट की गहराई तक उतार दिया.

रश्मि इससे बुरी तरह से चिल्ला पड़ी. उसने कहा: भैया ये ज़ालिम मेरी छूट फाड़ देगा, बचाओ मुझे.

मुझे ये सुन के बहुत गुस्सा आया और मैने अमन से कहा-

रोहित: धीरे कर यार, उसे तकलीफ़ हो रही है.

अमन: मैने इस रंडी को पैसे दिया है. और मैं आज इसको जितना चाहे उतना दर्द दूँगा. और ये रंडी को सब सहना पड़ेगा.

ये सुन के मुझे और गुस्सा आ गया, और मैने भी नेहा की छूट का ख़याल ना करते हुए उसके कुवारि छूट में एक ज़ोरदार धक्का मार दिया. इससे मेरा आधा लंड उसकी छूट में घुस गया.

क्यूंकी नेहा एक वर्जिन थी, तो वो बहुत ज़ोर से चिल्ला पड़ी, और मुझसे लिपट के रोने लगी. मुझे इससे बुरा तो लगा, पर मुझे अमन को सबक भी सीखना था. तो मैने बिना किसी दया के नेहा की छूट में ताबड़तोड़ चुदाई करनी शुरू कर दी.

अमन ने भी सेम ही किया, और वो भी रश्मि की बुरी तरह से चुदाई करने लगा. बेचारी दोनो बुरी तरह से चिल्ला रही थी दर्द से. मुझे रश्मि की हालत देख के गुस्सा आ रहा था, और अमन को नेहा की हालत देख के.

अब सीन ये था की हम दोनो ही एक-दूसरे की बहनो को बुरी तरह से छोड़ रहे थे, ताकि दूसरे को सबक सीखा सके. पुर कमरे में आआहह अया अहः की और फॅक फॅक फॅक की आवाज़े आ रही थी.

कुछ देर ऐसे छोड़ने के बाद मैं झड़ने वाला था. मैने जान-बूझ कर अपना माल नेहा की छूट में ही निकाल दिया. और उधर अमन ने सारा माल रश्मि की नाभि पे छ्चोढ़ दिया. मुझे लगा की अब तक तो अमन को उसका सबक मिल गया होगा. पर वो भी बहुत हरामी था, और वो मुझसे हारना नही चाहता था.

उसने रश्मि को उल्टा किया, और घोड़ी बना दिया. फिर उसको डोग्ग्स्त्यले में छोड़ने को तैयार होने लगा. उसने अपना बड़ा लंड लिया, और रश्मि की छूट पे लगा के अंदर डाल दिया, और उसको छोड़ने लगा. बेचारी रश्मि आज की गुस्से वाली चुदाई से परेशन हो गयी थी, और बार-बार बोल रही थी-

रश्मि: साहब धीरे करिए ना प्लीज़. मुझे लग रही है.

और नेहा तो मेरे प्यार में पागल थी. मैं तो चाहे जो कर लू, वो मुझे कुछ नही कहती, बस ज़ोर से चीख देती. मैने भी नेहा, जो की बहुत तक चुकी थी, और बेड पे पड़ी थी, उसे उठाया, और डॉगी-स्टाइल पोज़ में ले आया. उसका सर बेड पे रखा था, क्यूंकी वो तक गयी थी.

फिर मैने उसकी छूट पे लंड सेट किया, और उसको छोड़ने लगा. उसने अपने दांतो से बेडशीट को दबा लिया, और उः उः उः उः उहहू की आवाज़े निकालने लगी. दोनो लड़कियों को हमने हर पोज़ में छोड़ा. उन्हे हमने गोद में उठा कर उछाल-उछाल कर भी छोड़ा. ऐसे ही 3 घंटे हो गये.

दोनो लड़कियों के फेस पुर रेड हो गये थे, और उनकी आँखों में दर्द से और थकान से आँसू आ गये थे. मुझे दोनो के लिए बुरा लगा, और मैने कहा की कुछ देर आराम करते है.

अमन को भी शायद अपनी बेहन के हाल पे बुरा लगा, और उसने भी कहा की हा कुछ देर रुक जाते है. अब हम चारों लेट गये, और सो गये.

अब आयेज इस चुदाई कहानी में क्या हुआ, वो नेक्स्ट पार्ट में.

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