मैंने आंटी की ब्रा खोल दी और उसके बूब्स बहार आ गए जैसे अभी तक वो किसी पिंजरे में बंद थे. मैंने उसका मसाज चालू कर दिया और उन्हें अपनी जबान से भी चूसने लगा. आंटी ने कहा. अरे बाद के लिए भी दूध बचा के रख, आज ही खा जाना हैं क्या पुरे के पुरे. लेकिन उसके ये शब्द मुझे रोक नहीं सकते थे. मेरा लंड एकदम कडक हो चूका था और मैं और भी कस के सक कर रहा था.
आंटी एकदम से मेरे पास आई और उसने मेरी अंडरवियर को एकदम से खिंचा, एक ही झटके में उतार दिया. और उसने मेरे 7 इंच के पेनिस को अपने कब्जे में ले लिया. वो निचे हुई और अपने मुहं में लोडा डाल के उसे अन्दर बाहर करते हुए चूसने लगी. वो चूसने की काफी अनुभवी लग रही थी. मैंने इस से पहले बहुत सब सेक्सुअल अनुभव तो नहीं लिए थे. लेकिन आज तक इतने मजे से मेरे लंड को किसी ने नहीं चूसा था.
आंटी ने मेरे पुरे लंड को मुहं में ले लिया. और वो मेरे बॉल्स को भी दबा के सहला रही थी. अब मैंने आंटी की चूत के ऊपर उंगलियाँ घुमाई. और बिना कुक कहे मैंने आंटी की चूत में दो ऊँगली डाल दी. आंटी झटके देने लगी थी. आंटी अब मेरे ऊपर चढ़ गई और बोली आज तुम मुझे पूरा पागल कर दोगे अमित. मैं उँगलियों को चूत में चलाना चालू कर दिया था. वो एकदम जोर जोर से मोअन कर रही थी, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह. आंटी से कंट्रोल नहीं हो रहा था. वो बोली, चोदो मुझे अमित, आअह्ह्ह्ह चोदो मुझे और अपनी रंडी बना लो!
मैंने आंटी को कहा आप के पास कंडोम हैं क्या? वो बोली नहीं तुम ऐसे ही डाल दो, मुझे ये सब अनुभव हैं. और ये सुनते ही मैंने आंटी को घोड़ी बना दिया और पीछे से अपने लंड को उसकी वजाइना में डाल दिया और उसे जोर जोर से चोदने लगा. हम दोनों एकदमक्रेजी हुए पड़े थे.
आंटी एकदम जोर से मोअन कर रही, अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह अमित जोर से अह्ह्ह्ह फ्क्कक्क्क मी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह.
मैंने और जोर जोर के झटके दिए और अपनी स्पीड को भी बढाता गया. आंटी भी अपने कुल्हे हिला हिला के मस्त चुदवा रही थी. 10 मिनिट तक घोड़ी वाले दाव लगाने के बाद अब मैंने आंटी को मिशनरी पोज में लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. मैं जितनी जोर से चोदता था आंटी भी उतनी ही जोर से अपनी गांड को हिलाती थी. और वो मुझे और भी जोर से चोदने को कह रही थी.
और तभी आंटी की चूत की मलाई छुट गई. वो गहरी साँसे ले रही थी. उसने अपनी चूत को मेरे लंड के ऊपर जोर से कस लिया. मेरा भी पानी छूटने को था. मैंने उसे पूछा तो वो बोली चूत में ही निकालो पानी को तभी तो मजा आएगा. मेरी छुट आंटी की भोसड़ी में ही हो गई. आंटी और मैं दोनों थक चुके थे इस मैराथन सेक्स के बाद. मैं उसके ऊपर ही लेट गया. मेरा लंड सिकुड़ के वीर्य से पूरा भीगा हुआ उसकी चूत से बहार आ गया.
मैं उसके बूब्स को हाथ से हला के और उसकी गांड पर प्यार से सहला के उसे आफ्टर-प्ले दे रहा था. और ऐसे करते हुए पांच मिनिट के भीतर मेरा लंड फिर से जाग गया. मेरे चिकने लंड को आंटी ने अपने दुपट्टे से साफ़ किया और उसे हिलाने लगी. और फिर उसने उसे सक भी कर लिया.
आंटी ने कहा, निलय को आने में अभी देर हैं.
मैं समझ गया की वो क्या कहना चाहती थी.
मैंने कहा, आंटी मुझे आप की गांड मारनी हैं.
वो बोली, मार ले मैंने कहा मना किया हैं तुझे.
वो ये कह के फिर से घोड़ी बन गई. मैंने अपने लंड के ऊपर थूंक लगा के उसकी नौक को रेडी कर दी आंटी की गांड में घुसाने के लिए!