लुधियाना की पटाखा देसी माल गर्ल की चुत चुदाई की वो रातें

लुधियाना की पटाखा देसी माल गर्ल की चुत चुदाई की वो रातें

(Ludhiana Ki Patakha Desi Maal girl Ki Choot Chudai Ki Vo Raten)

Desi Maal girl Ki Choot Chudaiदोस्तो, मेरा नाम राज है.. मैं अमृतसर से हूँ। अन्तर्वासना पर मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़कर सोचा कि मैं भी अपनी कहानी लिख कर सबके सामने अपनी बात पेश करूँ।

मैं पंजाबी परिवार से हूँ.. मेरा कद 5’6″ है.. रंग गोरा, बॉडी जिम में कसरत करके बहुत आकर्षक बनाई हुई है। मैं दिखने में काफ़ी मस्त हूँ। मैं अपने लंड की लंबाई मोटाई के बारे में कुछ नहीं कहना चाहता हूँ.. पर ऐसा है कि मैं किसी भी औरत को खुश कर सकता हूँ।

यह मेरी पहली सच्ची कहानी है.. बात जनवरी 2015 की है.. जब मेरी आंटी के बेटे की शादी थी, हमारा उनके घर काफ़ी आना-जाना है।

शादी पर मेरी आंटी की सहेली की बेटी भी आई थी.. उसका नाम पूजा (बदला हुआ) था। वो थोड़ा साँवली सी थी, लेकिन दिखने में एकदम पटाखा चिकनी माल थी। उसके फिगर की बात करूँ, तो 34 के चूचे.. कमर 30 की.. और उठी हुई गांड पूरे 36″ की थी।

उसको पहली नजर में ही देख कर मैं एकदम पागल हो गया, मैंने सोचा अगर ये पट गई.. तो मजा आ जाएगा।

फिर मैं शादी के कामों में बिजी हो गया। शादी में मैंने शगुन और बारात में काफ़ी डांस किया.. नोट भी लुटाए, सभी मेरी ओर ही देख रहे थे, पूजा भी मेरी तरफ़ देख रही थी। वो देखे भी क्यों नहीं.. मेरी तो शान ही अलग थी.. शादी में मैंने खूब मस्ती की।

जब हम भाई की बारात ले कर बस में घर वापस आ रहे थे, तो पूजा मेरी तरफ़ बार-बार देखते हुए हंस रही थी.. लेकिन मैं चुपचाप उसकी तरफ़ देखता रहा।

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फिर हम सभी घर पहुँच गए। आंटी के घर से कुछ मेहमान अपने घर जाने लगे.. पूजा भी अपनी माँ के साथ लुधियाना अपने घर जाने की तैयारी करने लगी।

पूजा अब भी मेरी तरफ़ देख रही थी.. फिर उसने मेरे पास एक बच्चे को भेजा। मैंने पूजा की तरफ देखा तो उसने अपने कान पर हाथ लगा कर फोन करने जैसा इशारा किया। मैं समझ गया और मैंने उस बच्चे के हाथ से अपना नम्बर उसके पास भेज दिया, उसने झट से नम्बर ले लिया और अपने घर चली गई।

रात को उसने मुझे कॉल की और बोली- मैं तुमसे लव करती हूँ।
मैंने भी उसे ‘लव यू टू..’ बोल दिया।

उस रात में एक बजे तक हम दोनों बातें करते रहे। ऐसे ही दो दिन निकल गए।

अगले दिन मैं अपनी जॉब पर चला गया.. मैं रोज अमृतसर से लुधियाना जाकर जॉब करता हूँ।

जब मैं शाम को जॉब से घर के लिए निकलने ही वाला था.. तो उसी वक्त अचानक पूजा का फ़ोन आ गया।

मैंने उससे पूछा- क्या कर रही हो?
वो बोली- मैं घर में अकेली हूँ।
मैंने पूछा- क्यों.. आपके घरवाले कहाँ गए?
उसने बोला- मेरी माँ नर्स हैं.. आज से उनकी रात की शिफ़्ट है और पापा फैक्ट्री में ठेकेदार हैं.. आज उनके पास काम ज्यादा हैं, इसलिए वो भी आज घर नहीं आएंगे।
मैंने उससे हँस का कहा- तो मैं घर आ जाऊँ क्या?
उसने भी बोल दिया- आ जाओ।

मैंने अपने घर फ़ोन कर दिया कि मैं सर्दी की वजह से आज घर नहीं आ रहा हूँ.. क्योंकि सारी ट्रेनें लेट हैं।

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मेरे घरवालों को मेरी बात पर यकीन हो गया और मैं पूजा के घर चला गया।

मेरी उससे फोन पर बात हो गई थी.. तो उसने दरवाज़ा खुला रखा था। मैं चुपचाप उसके घर के अन्दर चला गया।

वो पीछे से दरवाज़ा बंद करके आ गई। काले रंग के पजामे और पिंक टीशर्ट में वो बहुत सुंदर लग रही थी।

उसने मेरे लिए खाना बनाया.. हम दोनों ने साथ मैं खाना खाया।
फिर हम दोनों बिस्तर पर लेट गए और एक ही कंबल अपने ऊपर ले लिया।

मैंने उसे बाँहों में भर लिया और उसके होंठों पर किस करने लगा, वो मेरा साथ देने लगी। मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी.. वो मेरी जीभ चूसने लगी और मैं भी उसका साथ देने लगा।

मैं उसके दूध दबाने लगा.. तो उसकी सांसें तेज़ हो गईं। फिर मैंने टी-शर्ट निकाल दी.. अन्दर उसने पिंक रंग की ब्रा पहनी हुई थी।

मैंने उसकी छोटी से कसी हुई ब्रा निकाल दी.. तो उसके 34 साइज़ के दोनों चूचे उछल कर बाहर आ गए। उसके मस्त मम्मों को देखकर मैं पागल हो गया और उसके एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा, साथ ही उसके दूसरे चूचे को हाथ से मसलने लगा। उसके मुँह से कामुक सीत्कारें ‘आआ.. ईआई.. ओह..’ निकलने लगीं, वो मेरे सर को अपनी छाती पर दबाने लगी।

इस कड़क सर्दी में जिस्मों की गर्मी का मजा भी बहुत आ रहा था, मेरे चूसने से उसके चूचे फूलकर और बड़े हो गए।

कुछ देर बाद मैंने उसका पजामा भी निकाल दिया। उसने पिंक रंग की पेंटी पहनी थी। मैंने उसकी पेंटी निकाल दी.. उसकी चुत एकदम चिकनी थी.. एक भी बाल नहीं था।

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