सर ने कॉलेज में मुझे लंड चुसाया और चोदा

Hindi Sex Stories दोस्तों मैं मीनू पटना में रहती हूँ। मेरी उम्र 19 साल है। मै एक जवान खूबसूरत कमसिन कली हूँ। मेरी बॉडी की साइज 36,32,38 है। मैं देखने में अत्यधिक सुन्दर मॉडर्न लड़की हूँ। मै बहुत ही हॉट लगती हूँ। मेरी चूंचियां तो बहुत की आकर्षक हैं। मेरी चूंचियां संतरे जैसी हैं। मैं जादातर जींस टॉप में रहती हूँ। मेरे बूब्स के निपल मेरे टॉप के बाहर से भी सबको दिख जाते है। मेरी गांड भी निकली हुई है। जब मैं चलती हूँ तो वो मटकती रहती हैं। मेरी चिकनी चूत को चोदने को कई आशिक़ मेरी पीछे पड़े रहते हैं। मेरी चूत सेब की दो कटे टुकड़े की तरह है। उसमें जो जूस भरा है उसे सारे के सारे लड़के पीने को तरसते हैं। मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है। मुझे बड़ा और मोटा लंड बहुत पसंद है। मै कई बार चुदवा चुकी हूँ। लेकिन चुदाई की तड़प मुझमे ख़त्म ही नही होती है। मै हर समय चुदवाने को बेकरार रहती हूँ। मुझे देखकर कोई भी चोदने के बारे में सोच सकता है।
दोस्तों मेरा घर गाँव में था। मेरे मामा पटना शहर में रहते थे। मेरी पढ़ाई पूरी हो सके इसलिए पापा ने मुझे मामा के घर भेज दिया था। घर के पास के गर्ल्स कॉलेज में मेरा नाम लिखा दिया गया। वहां पर 2 जेंट्स टीचर थे। दोनों बारी बारी से पढाते थे। दोस्तों ये सरकारी कॉलेज था। इसलिए यहाँ पर पढ़ाई बस नाम मात्र की होती रहती थी। राजेश सर काफी चर्चित थे। उनके बारे में अफवाह थी की वो बहुत चोदू टाइप के आदमी है और कई लड़कियों को चोद चुके है। पर मुझे विश्वास नही हो रहा था। हमारे पूरे कस्बे में सिर्फ यही गर्ल्स कॉलेज था इसलिए 300 लडकियाँ हमारे कॉलेज में पढ़ती थी। कॉलेज बहुत बड़ा था। काफी बड़ा मैदान भी था और जहाँ बाउंड्री थी वही पर लड़कियों के लिए एक सरकारी नल लगा हुआ था और टॉयलेट बनी हुई थी। कॉलेज में लाइन से 20 -25 कमरे बने हुए थे पर क्लास सिर्फ 10 -12 कमरों में चलती थी। धीरे धीरे राजेश सर मुझे ताड़ने लगे। वो मुझे अक्सर घूर घूर के देखा करते थे। वो मेरी जवानी का मजा लूटना चाहते थे। राजेश सर मुझे चोदना चाहते थे। धीरे धीरे उन्होंने मुझसे दोस्ती कर ली।

जब सब लड़कियाँ उनको चोदू चोदू कहकर बुलाती थी मैं उनकी बड़ी इज्जत करती थी। मैं उनको अच्छा आदमी मानती थी। एक दिन मैं बाथरूम करने गयी थी। वहां से आते वक्त मैंने एक सुनसान कमरे में किसी की आवाज सुनी। जब मैंने देखा तो दंग रह गयी। राजेश सर अनीता को बाहों में पकड़े हुए थे और उसके सलवार सुट से उसकी चूची को बाहर निकालकर चूस रहे थे। फिर राजेश सर ने उसे नीचे बिठा लिया और मेरे साथ पढने वाली वाली अनीता के मुंह में लौड़ा दे दिया और चुसाने लगे। ये सब देखकर मैं डर गयी थी। फिर राजेश सर ने उस खाली कमरे में दिन में ही क्लास के वक़्त अनीता की चूत बजा दी। ये सब देखकर मैं घबरा गयी और दौडकर अपनी क्लास में चली आई। अब मैं जान गयी थी की जो अफवाह राजेश सर के बारे में है वो 100% सच है। मैं सर से दूर रहने की कोशिश करने लगी पर एक दिन वो मुझे बहाने से सरकारी नल की तरफ ले गये। वहां पर कई खाली कमरे थे। सर ने मुझे पकड़ लिया और किस करने लगे। मैं मना करने लगी।
“नही सर!! ये गलत है!!” मैंने कहा
“मीनू!! मैं तुमसे सच्चा प्यार करता हूँ और शादी भी तुमसे करूँगा। आओ मेरी बाहों में आ जाओ” राजेश सर बोले।
“आप झूठे है। कल मैंने आपको अनीता की रसीली चूत मारते हुए देखा है। सर आप सिर्फ चूत के पुजारी है। प्यार व्यार आप नही समझते” मैंने कहा
“मीनू !! आज के बाद मैं सारी लड़कियों से मिलना झुलना छोड़ दूंगा। अपनी माँ की कसम खाता हूँ। तुम ही मेरा सच्चा प्यार हो। मैं तुमसे शादी करूँगा। आओ..मेरी बाहों में आ जाओ” दोस्तों इस तरह से सर ने तरह तरह की बाते बनाई और मुझे पकड़ लिया। मैं मान गयी। फिर वो मुझे लेकर उस खाली क्लासरूम में चले गये। अंदर से दरवाजा बंद कर लिया और मुझे पकड़कर किस करने लगे। मैं भी चुसाने लगी। सर मजे लेकर मेरे रासिले होठ पी रहे थे। मुझे भी मजा आ रहा था। उसने बाद उन्होंने खड़े खड़े मुझे सीने से लगा लिया। मुझे भी अच्छा लग रहा था। काफी देर तक हम दोनों साथ चिपके रहे। उसके बाद राजेश सर मेरे मम्मो को हाथ से दबाने लगे।

यह कहानी भी पड़े  मुस्लिम माँ की थ्रीसम सेक्स कहानी

मैंने कॉलेज का आसमानी रंग का सूट और सफ़ेद सलवार पहन रखी थी। सफेद रंग का दुपट्टा मैंने पहन रखा था। सर ने मेरा दुपट्टा निकाल दिया और मेरे मम्मे दबाने लगे। दोस्तों मेरी चूचियां 36″ की थी और बेहद रसीली थी। सर तो मेरी उफनती चूचियों के पीछे पूरी तरह से पागल हो गये थे। काफी देर तक वो मेरे सूट के उपर से मेरे मम्मे मसलते रहे। मैं “ओह्ह माँ..ओह्ह माँ.उ उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ..” की कामुक आवाजे निकाल रही थी। धीरे धीरे सर जोर जोर से मेरी चूचियों को मसल रहे थे। मुझे मजा आ रहा था। फिर उन्होंने मेरे सूट में उपर से हाथ अंदर डाल दिया। मैंने समीज पहन रखी थी। राजेश सर का हाथ भीतर समीज के अंदर घुस गया और उन्होंने मेरी दाई चूची पकड़कर बाहर निकाल ली। दोस्तों मेरी सफ़ेद दूधियाँ चूची को देखकर सर मचल गये और तेज तेज दबाने लगे। वो तो पूरी तरह से पागल हो गये थे। फिर वो झुक गये और मेरी दाई चूची मुंह में लेकर चूसने लगे। मैं “ओह्ह माँ..ओह्ह माँ.उ उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ..” की कामुक और सेक्सी आवाजे निकाल रही थी। मैंने राजेश सर की बात पर यकीन कर लिया था की वो सिर्फ मुझसे ही प्यार करते है। वो झुककर मेरी रसीली चूची चूस रहे थे। मैं खड़ी थी। सर हाथ से दबा भी रहे थे। फिर वो काफी देर तक चूसते रहे। फिर उन्होंने मेरी काली निपल्स को हाथ से ऐठना शुरू कर दिया। मैं सिसक गयी। कराहने लगी। कुछ देर बाद सर ने मेरी बायीं चूची सूट के उपर से बाहर निकाल ली। उसे भी जी भरकर दबाया और मुंह में लेकर चूसा। फिर उन्होंने मुझे एक बेंच पर बिठा दिया। अपनी पेंट उन्होंने खोल दी और लंड बाहर निकाल लिया और मेरे मुंह में डाल दिया।
“नही सर! मैं लंड नही चूसूंगी!! गंदा लगता है” मैंने कहा
“अरे मीनू ! तू एक बार चूस ना। तुझे अच्छा लगेगा” राजेश सर बोले और जबरन मेरे मुंह में लंड डाल दिया
धीरे धीरे बेमन से मैं चूसने लगी। फिर हाथ से फेटने लगी। उसके बाद हम दोनों वहां से चले आये। फिर राजेश सर ने मेरे क्लास की और लड़कियों को पटाना बंद कर दिया। सिर्फ मुझे ही लाइन देते थे। धीरे धीरे वो मुझे और भी अच्छे लगने लगे। हम दोनों अक्सर सरकारी नल के किनारे वाले कमरे में मिलने लगे। जब भी सर मिलते मेरे सूट के उपर से मेरे मम्मे निकाल कर पीते और मुझसे लंड चुसाते। अब उनका मुझे चोदने का मन कर रहा था। शाम को सर ने मुझे काल दिया।
“कैसी है मीनू???” सर हंसकर बोले
“अच्छी हूँ। बस आपके बारे में ही सोच रही थी”
“कल मुझे तेरी चूत मारनी है!!” सर सेक्सी आवाज में बोले
“धत्त्त्त!! शरम नही आती आपको???” मैंने कहा
“तू मेरी होने वाली बीवी है। अपनी बीबी से कैसी शर्म??” सर बोले
“तो कल चूत देगी??? पक्का है???” सर बोले
“ठीक है कल मैं आपको अपनी रसीली चूत दूंगी” मैंने कहा
अगले दिन मैं कॉलेज गयी। आज काफी कम लड़कियाँ आई थी। सुबह बारिश हुई थी इसी वजह से आज काफी कम बच्चे आये थे। 11 बजे इंटरवल हो गया। राजेश सर ने मुझे आँखों से इशारा किया। वो पहले ही सरकारी नल की तरफ चले गये। कुछ देर बाद मैं भी चली गयी। आज स्कुल में नाम मात्र को बच्चे आये थे इसलिए कोई डर भी नही था। सर आज आराम से मुझे चोद सकते थे। जैसे ही मैं अंदर पहुची सर ने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और मुझे सीने से लगा लिया। कुछ देर तक मेरे होठ वो चूसते रहे। फिर धीरे धीरे मेरी स्कूल ड्रेस उन्होंने निकाल दी। अपना पेंट शर्ट उन्होंने उतार दिया। फिर उन्होंने मुझे एक लम्बी बेंच पर लिटा दिया और मेरे उपर लेट गये।

यह कहानी भी पड़े  18 साल की आगे में चुदाई


error: Content is protected !!