कॉलेज गर्ल की पहली चुदाई

हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम मनीषा है, और ये मेरी पहली चुदाई की कहानी है. मैं रायपुर (च्चत्तीसगर्ह) में रहने वाली हू. मेरी आगे अभी 22 साल है. गोरा रंग, हाइट 5’3″, और मेरे फिगर की बात करे तो मेरे 32ब के बूब्स है लाइट ब्राउन निपल्स के साथ, और मेरी 26″ की पतली कमर को पदक कर बहुत लोगों ने मेरी 32″ की गांद में अपने लंड डाले है.

वैसे तो मैं बहुत आचे घर की लड़की हू. मेरे पापा के 2 तनिष्क़ के शोरुम है. मेरी मम्मी भी कुछ कम नही, उनके 33सी-30-36 जैसे फिगर के जीन्स मेरी दीदी (34ब-37-34) और मुझमे काफ़ी आचे से आए है. और हमारा इक-लौटा छ्होटा भाई जो सबसे छ्होटा और प्यारा है. लेकिन मेरे अंदर की रंडी ना जाने कब से च्छूपी थी. तो चलिए शुरू करते है मेरी सील कैसे और किसने तोड़ी?

मैं इंट्रोवर्ट टाइप की हू. मुझे जवानी के शुरू से ही पॉर्न अडिक्षन था. मैं हर रोज़ पॉर्न देखा करती थी, और अपनी छूट मसला करती थी. लेकिन ज़्यादा बातें ना करने की वजह से मेरा कोई बाय्फ्रेंड नही था. मेरी बस 2-3 ही फ्रेंड्स थी, कॉलेज में, और उन सभी के बाय्फरेंड्स थे. लेकिन मुझे बहुत दर्र लगता था, इसलिए मैने बाय्फ्रेंड नही बनाया.

एक दिन मेरी फ्रेंड्स ने बताया की अब वो वर्जिन नही थी. मुझे ये सुन के बुरा लग रहा था, की सभी अपनी लाइफ एंजाय कर रहे थे, और मैं यहाँ बस अपनी छूट मसले जेया रही थी. उनकी गंदी-गंदी चुदाई वाली बातें सुन के मुझे बहुत हवस चढ़ गयी थी.

मैं अभी अपने अंदर लंड लेना चाहती थी. उपर से प्यूबर्टी मेरी छूट में आग सी लगा रही थी. मैं उस दिन घर गयी, और रूम मैं जाके पॉर्न देखते हुए अपनी छूट में उंगली करते हुए पानी निकली.

कुछ दिन बीट गये. मैं बस छूट में उंगलियाँ ही करे जेया रही थी. फिर एक दिन मुझे इंस्था में किसी आरिफ़ नाम के लड़के का रिक्वेस्ट आया. मैं किसी भी रॅंडम लोगों के रिक्वेस्ट आक्सेप्ट नही करती थी. लेकिन उसकी प्रोफाइल में मेरी दीदी की ईद म्यूचुयल में थी. मुझे लगा दीदी का कोई दोस्त होगा, इसलिए मैने उसकी रिक्वेस्ट आक्सेप्ट कर ली.

फिर देखते ही देखते उसका मसाज भी आ गया. जैसा मैं सोची थी, वो दीदी का क्लासमेट था यानी मेरा सीनियर. कुछ दीनो तक नॉर्मल बातें हुई, और हम दोनो कॉलेज में भी मिला करते. देखते ही देखते मुझे उससे प्यार हो गया. मैने अपनी दोस्तों को ये बात बताई तो उन्होने भी मेरी मदद की.

मैं जो हमेशा सीधी बन के घूमा करती थी, अब उसकी चाल बदल सी गयी थी. मैं अब छ्होटी स्कर्ट पहनने लगी और शर्ट के उपर के बटन्स भी खोल कर अपनी ब्रा दिखाने लगी. ये बात मेरी दीदी ने भी नोटीस की, तो एक दिन वो मेरे रूम में आई और मुझे पूछने लगी-

दीदी: तेरा कुछ चक्कर चल रहा है क्या?

मैं, मेरी दीदी, और मेरा भाई एक ही कॉलेज में थे, और हमारा ड्राइवर हमे कॉलेज ले जाता था. तो ये नोटीस करना दीदी के लिए आम बात थी. लेकिन मैं ये सुन कर दर्र गयी और दीदी को झूठ बोली की मेरा कोई ब्फ नही था. दीदी मुस्कुराइ और मुझे कुछ नही बोली. बल्कि उसका उल्टा हुआ, दीदी ने मुझे मेकप करने की सलाह दी.

मेरी दीदी भी कुछ कम नही थी. वो भी मेरी तरह छ्होटी स्कर्ट पहन कर कॉलेज जाया करती थी, और कभी-कभी तो बिना ब्रा के भी. मुझे ये बात उनके शर्ट में उभरे निपल्स देख कर ही पता चल जाती थी. इसलिए मैं उनकी बात सुनने लगी, और उस दिन दीदी ने मुझे मेकप टिप्स दी.

नेक्स्ट दे मैं पूरी तरह से तैयार होके कॉलेज गयी. मेरी क्लास के सारे लड़के मुझे घूर-घूर के देख रहे थे. उस दिन सब के लंड मुझे देख कर खड़े हो रहे थे, और उनकी पंत में सब सॉफ-सॉफ दिख रहा था. मैने तान ली थी की आज आरिफ़ को अपने दिल की बात बोल ही दूँगी.

मेरी फ्रेंड्स भी मेरे साथ गयी. कॉलेज ख़तम हुआ, और वो मुझे एक बाय्स टाय्लेट के पास ले गयी, जो सबसे एंड में था. वो हमारे कॉलेज का लवर्स पॉइंट था. डोर और एक-दूं एंड में होने की वजह से वहाँ कोई नही जाता था. लेकिन सारे कपल्स वहीं जाते थे, और इतना जाते थे की टाय्लेट उसेड कॉंडम से भर चुका था.

मैं भी उनके कहने में उनके साथ गयी, और बाहर खड़ी होके आरिफ़ के आने का वेट कर रही थी. तभी आरिफ़ आया. उसको देख मेरे दिल की धड़कने बढ़ गयी, और मेरा बोल्ड लुक देख कर आरिफ़ के मूह में भी पानी आ गया था. मैं शरमाते हुए आरिफ़ को प्रपोज़ करने लगी. आरिफ़ के दोस्त और मेरे दोस्त हमे देख रहे थे. तभी आरिफ़ के दोस्त हा बोल हा बोल करके उसके मज़े लेने लगे.

आरिफ़ ने भी मौका नही छोढ़ा और मुझे हा बोल कर अपनी बाहों में भर लिया. मैं अब सातवे आसमान में थी की तभी आरिफ़ ने अपना हाथ मेरी स्कर्ट के अंदर डाला. फिर उसने मेरी गांद को पकड़ कर मुझे बाहों में उठा लिया, और किस करने लगा. उसकी जीभ मेरे मूह के अंदर मानो कुछ ढूँढ रही थी.

मैं भी उसका साथ देने लगी. हम दोनो पागलों की तरह किस कर रहे थे. मेरे पॉर्न देखने का एक्सपीरियेन्स काम आया. मैं भी उसकी जीभ से जीभ मिलते हुए उसको खा रही थी. मुझे ये भी ध्यान नही था, की आरिफ़ ने मेरी स्कर्ट उठा रखी थी, और मैं अपनी गोरी गांद के दर्शन उसके दोस्तों को भी दे रही त. कुछ देर किस करते हुए कोई अंदर से टाय्लेट का डोर खुलते हुए आवाज़ आई, जिससे हम दोनो अगाल हुए.

अंदर से 2 लड़कियाँ अपने कपड़े ठीक करते हुए बाहर आई, जिनको देख के मैं शॉक हो गयी. क्यूंकी उनमे से एक मेरी दीदी थी. लेकिन दीदी मुझे देख कर मेरे पास आती, उससे पहले ही उनके साथ वाली लड़की दीदी को अपने साथ कहीं ले जेया रही थी. हम सब वहीं खड़े होके उनको देख रहे थे. तभी अंदर से 5 लड़के बाहर आए, और हेस्ट हुए चले गये.

मुझे सब समझ आ रहा था, पर मैं उसपे यकीन नही करना चाहती थी. फिर मैं भी वहाँ से चली गयी, और भाई पहले से ही कार में था, और मैं वहाँ पहुँच कर भाई के साथ दीदी का वेट करने लगी. तभी दीदी आई. और मैं दीदी को अवाय्ड कर रही थी. दीदी ने मुझसे बात करनी चाही, बुत मैने उनसे बात ही नही की. घर आने के बाद भी वो मेरे रूम में आती रही, लेकिन मैने डोर ओपन ही नही किया.

मैं अपने रूम में फोन उसे करने लगी, और देखते ही देखते मैने फिरसे पॉर्न साइट खोली, और छूट मसालने लगी. अब मैं पॉर्न में अपने आप को और आरिफ़ को इमॅजिन करने लगी थी. कुछ दीनो तक मैने दीदी को अवाय्ड किया, और आरिफ़ से क्लोज़ हो गयी. फ्राइडे नाइट आरिफ़ ने मुझे सेक्षटिंग करने के लिए कहा. मैं उसे कहाँ माना करने वाली थी? मैने भी हा कह दी.

फिर हम दोनो ने खूब सेक्षटिंग की, साथ ही साथ मैने और उसने एक-दूसरे को न्यूड्स भी भेजे. फाइनली उसने कहा की अगर मैं सात-सनडे को फ्री थी, तो क्यूँ ना हम सेक्स करे. हमे रिलेशन्षिप में आए 2 वीक्स भी नही हुए थे, मगर मेरी तारक ने मुझे काबू कर रखा था. मैं भी उससे छुड़वाने के लिए बेकरार थी. इसलिए मैने उसे हा कह दी. फिर हमने मेरे घर के पास एक होटेल में मिलने का प्लान बनाया.

नेक्स्ट दे मैने अपनी आर्म्पाइट्स और छूट के हल्के-हल्के बालों को भी रिमूव कर लिया. फिर एक स्लीव्ले क्रॉप-टॉप और लो-वेस्ट जीन्स के साथ वेस्ट चैन पहन कर आरिफ़ से मिलने गयी. जाते ही आरिफ़ मेरा बाहर वेट कर रहा था. उसने मुझसे मिलते ही हग किया, और मुझे अंदर ले गया. हमने 2 घंटों के लिए रूम बुक किया और अंदर गये.

दोनो में हवस भारी हुई थी. बातें करने में टाइम-वेस्ट ना करते हुए हम दोनो एक-दूसरे पर टूट पड़े, मानो जन्मों से जिस्म के भूखे हो. किस करते हुए आरिफ़ ने मुझे उठाया, और बेड में पटक दिया. फिर जल्दी से अपनी शर्ट उतार कर मेरे उपर आ गया, और मेरे टॉप के अंदर हाथ डाल कर मेरे बूब्स को ब्रा के उपर से मसालते हुए मुझे किस करने लगा.

मैं भी उसका साथ देते हुए उसकी चेस्ट को रब करके फील ले रही थी. उसने मेरे हाथो को उपर किया और मेरी टॉप उतार कर मेरी नेक को किस करने लगा. किस करते हुए वो मेरी नेक और बूब्स में लोवे बाइट्स दे रहा था. मेरी गोरी स्किन पूरी रेड हो गयी थी.

वो नीचे जाते हुए मेरी नेवेल को लीक करने लगा. मैं बस सिसकारियाँ लेते हुए उसके सिर में हाथ घुमा रही थी, और वो मुझे लीक करते हुए मेरी जीन्स का बटन खोल कर उतारने लगा. अब वो मुझसे डोर हुआ, और मेरी जीन्स उतार दी. वो मुझे हवस भारी नज़र से देख रहा था, और में भी उसको लेते हुए देख रही थी.

फिर उसने मेरी टाँगें खोली, और मेरी छूट में एक ज़ोर का थप्पड़ मारा. मेरी हल्की सी चीख निकली, तो वो हासणे लगा, और मेरी पनटी के उपर से मेरी छूट में मूह डाल कर ज़ोर-ज़ोर से सक करने लगा. मैं तो मानो पागल सी हो गयी थी. उसने अपनी नाक को मेरी छूट में रखा, और ज़ोर से साँस लेते हुए मेरी छूट की खुश्बू को लेते हुए कहा-

आरिफ़: क्या मस्त छूट है तेरी. आज तेरी बेहन मयूरी से भी ज़्यादा नशा है इसमे.

मैं ये सुन कर कन्फ्यूज़ हो गयी. इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. स्तरीनौघट्य@गमाल.कॉम पर फीडबॅक दे.

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