चुड़क्कड़ लड़के से चूत चुदवाई

अब मैं अपनी सेक्स स्टोरी शुरू करती हू, तोड़ा मसाला डाल के!

एक दिन मैं कॉलेज गयी थी. लेक्चर तो ऐसे बोरिंग थे, जैसे बासी रोटी. पर मॅन में हुलचूल मची हुई थी. दिल कह रहा था, “काश, कोई हीरो मिले और हम लंबी और बेरहम चुदाई करे!” तभी मेरे दिमाग़ में राहुल का नाम बिजली की तरह चमका.

राहुल मेरे मोहल्ले का सबसे चुड़क्कड़ लड़का है, जिसने कितनी लड़कियों और भाभियों को छोड़ रखा है. मैने सोचा, “आज तो रिस्क लेना ही पड़ेगा!” और बिना सोचे समझे राहुल को फोन लगा दिया. उधर से हेलो हुआ, और मैने तोड़ा शरमाते हुए, तोड़ा बोल्डनेस दिखाते हुए कहा, “राहुल, फ्री हो? कुछ. अर्जेंट बात करनी है.”

बिलीव मे ओर नोट, वो बंदा 10 मिनिट में मेरे कॉलेज के गाते पर हाज़िर. जैसे उसे पता ही था की मैं क्या चाहती थी. उसकी आँखों में आग थी, जैसे मुझसे भी ज़्यादा वो बेताब था. मैं जाके उसकी गाड़ी में बैठ गयी, और फिर शुरू हुआ सिलसिला.

गाड़ी स्टार्ट होते ही राहुल ने अपना हाथ मेरी जांघों पर रख दिया. ऐसा लगा जैसे करेंट लग गया हो! मेरे रोम-रोम में सनसनी दौड़ गयी. मूह से हल्की सी “आहह” निकल गयी, जो शायद उसने सुन भी ली थी. उसका हाथ धीरे-धीरे उपर बढ़ने लगा, और मेरी बेचैनी आसमान छ्छूने लगी. मेरे बदन में आग सी लग गयी थी.

जब उसके हाथ मेरी चुचियों पर पहुँचे. ओह मी गोद! उसके हाथ इतने मज़बूत और मेरी चुचियाँ इतनी नरम-मुलायम. वो उन्हे मसालने लगा, और मैं पागल होने लगी. फाइनली, हम उसके रूम पर पहुँच गये. रूम में जाते ही, हीरो ने माहौल बनाने की पूरी तैयारी कर रखी थी. पहले तो चखना बनाया. फिर अपने लिए एक ग्लास स्ट्रॉंग ड्रिंक बनाई.

ड्रिंक का एक घूँट लेते ही उसके अंदर का शैतान जाग गया. आते ही उसने मुझे अपनी तरफ खींचा, मेरे बदन से बदन टकराया, और फिर मेरे गले को चूमना शुरू कर दिया. ऐसा लगा जैसे कोई प्यासा रेगिस्तान में पानी पी रहा हो. वो गले को चूमते-चूमते नीचे आया, और ज़ोर-ज़ोर से मेरे बदन को चूमने लगा.

हाथो से मेरे दोनो चुतताड को ज़ोर से दबा रहा था. अब तो मेरी बेचैनी हद से बढ़ चुकी थी. फिर जब उसके मोटे और लंबे लंड ने मेरे छूट को कपड़े के उपर से रगड़ा, ओह भाई, मेरी तो आत्मा हिल गयी! फिर उसने मेरे कपड़े उतारे. जब हमारी बॉडी एक-दूसरे को टच हुई, तो आग लग गयी. मैने भी उसे ज़ोर से जाकड़ लिया, अब उसे भी मुझे छोड़ने में मज़ा आ रहा था.

रोमॅन्स करते-करते हम बेड तक पहुँच गये. बेड के कॉर्नर पर मुझे लिटा के अब वो मेरी चुचियों को ज़ोर-ज़ोर से चूसने और मसालने लगा. हे! मैं “आहह, उहह” करती हुई तड़प रही थी. अब उसकी बेचैनी भी बढ़ गयी, तो वो भी कॉंडम लगा के मेरी छूट का भोंसड़ा बनाने के लिए रेडी हो गया.

उसका लंड, हे! इतना मोटा और लंबा! फिर उसने मुझे सीधा लिटाया, और मेरी दोनो टाँगों को अपने दोनो हाथों से फैला कर अपने उस मोटे लंड को मेरी छूट के पास रखा, और ज़ोर से अंदर घुसा दिया. उस टाइम मेरी चीख निकल गयी दर्द से, “अहह!” उसका लंड इतना बड़ा और मेरी छूट का होल इट्टू सा. उफफफफ्फ़!

फिर जब वो पेलना चालू किया, तो उस टाइम का दर्द मुझे कम महसूस हुआ, मगर तड़प उतनी ही. मज़ा उतना ही आ रहा था. उपर से उसका पेलना. इट्टू सा लंड खींच कर झटके से अंदर. हे! मेरी छूट का पूरा बंद बजा दिया.

फिर उसने पोज़िशन चेंज की. मेरे पीछे आके मेरे पैरों को उपर करके पीछे से छूट में लंड डाला. हे! वो दर्द यार! उसके बाद पीछे जो छोड़ना चालू किया मदारचोड़ ने. मेरी छूट फाड़ कर रख दी उस बुरछोड़े ने.

फिर उसने पोज़िशन चेंज की. अब मुझे कुटिया बना दिया, और फिर पीछे से मेरे दोनो शोल्डर को पकड़ के मुझे एक-दूं ज़ोर-ज़ोर से रंडी जैसे छोड़ने लगा. अब उस मदारचोड़ का झड़ने टाइप हो गया, और मैं यहाँ दर्द से चीख रही थी, “अहह राहुल, छ्चोढ़ दो ना अब राहुल, प्लीज़,” मैं रिक्वेस्ट कर रही थी.

फिर अब उसने मुझे सीधा किया. उसके बाद उसने अपने लंड को मेरे छूट में डाला, और अपनी बॉडी का वेट पूरा मेरी बॉडी पे दे दिया. एक तो ऐसे ही मेरी हालत खराब थी उसके पेलाइ से. उपर से उसका वेट. मैं तो चीख रही थी. फिर उसके शॉट्स इतने भयानक वाले, उफफफफफ्फ़! मैं तो मॅर ही जाती.

झड़ने के बाद भी कुत्ते का लंड लूस नही हुआ था. अब हम दोनो तोड़ा फ्रेश होने गये. फिर उसने एक ड्रिंक दोबारा बनाई अपने लिए, और फिर उसे पीते-पीते हम दोनो एक-दूसरे के पास नंगे-पुँगे बैठे थे. अब वो ड्रिंक करते हुए मेरी बॉडी के साथ फुल्ली रोमॅन्स कर रहा था, और उसका लंड तो पहले से भी ज़्यादा अभी टाइट लग रहा था.

उसके वो लंड अभी भी याद करके मेरी तड़प जाग जाती है. फिर ड्रिंक ख़तम होते ही वो सोफे पे ही मेरी बॉडी को नीचे से उपर एक-दूं कुत्टो के जैसे चाटने लगा. फिर जितनी बेचैनी उसे फर्स्ट टाइम नही थी, उसे कही ज़्यादा बेचैनी तो उसे अभी थी.

मुझे भी बहुत बेचैनी थी उससे एक-दूं मस्त रंडी जैसे छुड़वाने की और उसका लंड लेने की. उसने थोड़ी भी देर ना करते हुए अपने लंड पे कॉंडम डाला, और मुझे बेड पे ज़ोर से खींच का सीधा लिटा लिया.

उसमे इतनी ज़्यादा हवस आ गयी थी, की मैं देख कर डांग रह गयी. अब वो मेरे दोनो टाँगों को फैला के ज़ोर-ज़ोर से अपने लंड को अंदर-बाहर करके एक-दूं आह आह की आवाज़ निकाल कर मुझे छोड़े जेया रहा था.

अब कुटिया जैसे पलट के, मेरे बालों को खींच कर एक-दूं रंडी जैसे मदारचोड़ मुझे पेले जेया रहा था. उफ़फ्फ़ ये दर्द. फिर इतनी जल्दी तो उसे फर्स्ट रौंद में नही थी, जितनी उसको सेकेंड रौंद में हो रही थी. अब वो कुटिया जैसे ही मुझे आयेज की बेड के कॉर्नर पे ले लिया, और तब मुझमे भी उतनी ही बेचैनी आ गयी थी.

मैं भी उससे चूड़ने में फुल्ली सपोर्ट कर रही थी. मैं भी अपने चुतताड उठा-उठा कर शॉट्स देने में उसकी मदद कर रही थी. हम दोनो एक-दूसरे को बॉडी को जानवरो के जैसे नोच रहे थे. उसकी बैचानी मेरे नोचने से और बढ़ रही थी. हम दोनो अपना आपा खो चुके थे चुदाई में और एक-दूसरे को दबोचने में लगे थे.

वो मेरी लाइफ की इतने मोटे लंड से सबसे बेस्ट चुदाई थी. अब दोनो झड़ने के मुकाम में आ गये थे. अब उसका झड़ने वाला था. उसके इतने ज़ोर एल-ज़ोर से शॉट्स एक-दूं ठप ठप ठप उफफफ्फ़. और फिर उसका दूसरी बार भी झाड़ गया.

अब हम दोनो को जाके तोड़ा रिलॅक्स मिला. अब मैं भी जाने के लिए रेडी होने चली गयी, क्यूंकी टाइम हो गया था. तब उसने अपने 2-3 दोस्तों को बुला लिया. मैं दर्र सी गयी, की कहीं ये लोग भी तो नही मेरी छूट मारेंगे.

फिर मैने उसे बुला कर कहा: अब आज के लिए इतना काफ़ी है.

फिर हम निकल गये. उस दिन की चुदाई सबसे बेस्ट थी हमारी, जिसमे मुझे छुड़वा के और उसको छोड़ के बहुत मज़ा आया.

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