मेरी जान में जान आई कि चलो साली हाथ में तो आई.. अब इसकी चूत की चुदाई करने का मजा आएगा।
तब भाभी ने कहा- ठीक है.. मैं सिर्फ़ एक बार तुमसे चुदवाऊँगी.. और आज के बाद कभी तुम मुझे हाथ नहीं लगाओगे।
मैंने कहा- ठीक है.. आज तो चुदो मेरी भाभी जान!
भाभी ने अपनी फटी ब्रा चूचों से हटा ली और बोलीं- ले साले अब चूस.. जितना चूस सकता है।
साथ ही अपनी सलवार खोल दी और बोलीं- आज मैं भी देखती हूँ.. तेरी गाण्ड में कितना दम है।
मैंने बोला- भाभी साली, अगर तेरी चीखें ना निकलवा दीं.. तो मेरा नाम बदल देना।
मैंने भाभी के चूचे चूसने शुरू किए और उनकी रस भरी आवाजों से मुझे समझ में आ गया कि साली की जान इसके चूचों में है।
भाभी बार-बार बोले जा रही थी- आह्ह.. और चूस.. आज पी ले मेरा दूध.. बहुत देखता है तू इनको. ले.. चूस हरामी।
उसके बाद मैंने भाभी की पैन्टी उतारी और चूत को चूसने लगा।
चूत पर मेरी जीभ लगते ही वो साली ऐसे उछली.. जैसे बिन पानी मछली हो। तब उन्होंने कहा- मेरे राजा.. जरा हम भी तो देखें तुम्हारा आइटम।
ये कहते हुए उन्होंने मेरी पैन्ट और अंडरवियर को उतार दिया। मेरा कड़क लौड़ा देख कर तो उनको पहले तो कुछ नहीं हुआ लेकिन लौड़े की मोटाई देख कर उनकी फट गई।
भाभी ने झट से लंड को मुँह में ले लिया। ये मेरा पहला अवसर था जब कोई पहली बार लौड़ा मुँह में ले रहा था।
अब हम दोनों 69 की स्थिति में हो गए थे। थोड़ी देर बाद वो मेरे मुँह में झड़ गईं और मेरा भी होने वाला था। मैंने उनको बोला.. उन्होंने मेरा लंड बाहर पकड़ कर मुठ मारी और अपनी चूचियों में सारा रस निचोड़ लिया।
उसके बाद हम दोनों चिपक कर एक हो गए। थोड़ी देर की चूमा-चाटी के बाद मेरा हथियार फिर से खड़ा हो गया।
उन्होंने अपनी चूत फैला दी और बोलीं- आ जा देख.. तू अपनी भाभी चोद.. तेरी तो आज मैं माँ चोद दूँगी।
मैंने भी बोला- देखते हैं किसकी माँ चुदती है।
मैंने उनकी चूत में पूरा लंड एक ही बार ठोक दिया, भाभी की फट के हाथ में आ गई।
वो दर्द से भर के बोलीं- ओह्ह.. तेरे भाई का लंबा तो है.. लेकिन तेरे जैसा मोटा नहीं है.. तू प्लीज़ आराम से कर।
मैंने भाभी के होंठ चूमे और धीरे-धीरे डालने लगा।
कुछ देर बाद वो बोलीं- अब ज़ोर-ज़ोर से चोद।
मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और उन्होंने उछल-उछल कर मेरा लंड अपनी मस्त चूत में लिया।
उस दिन भाभी मेरे से चुदवाते हुए 3 बार झड़ी थीं।
चुदाई के बाद हम एक-दूसरे को ऐसे ही लिपटे हुए पड़े रहे।
उन्होंने कहा- अब तुम अपने घर जाओ।
मैं उनको दूसरी बार चोदना चाहता था परंतु उनको किसी के साथ शॉपिंग पर जाना था.. तो मैं चला गया।
उसके बाद मैंने उनको कई बार पकड़ने की ओर चोदने की कोशिश की.. परंतु उन्होंने कहा- मैंने पहले ही कहा था, मैं तेरे से एक बार ही चुदना चाहती हूँ।
मैंने भी ज्यादा ज़ोर नहीं दिया क्योंकि सेक्स में तभी मजा आता है, जब आग दोनों तरफ से लगी हो।
मैं तो आज भी प्यासा हूँ। मुझे मेल करें.. मेरी यह पहली कहानी थी.. आपको कैसे लगी.. मेल करके बताइएगा।