भाई बहन की भरपूर चुदाई का मज़ा

मोनिका दीदी अब डेली मेरा लंड लेने लगी थी. रात होते ही हज़्बेंड-वाइफ की तरह हम दोनो छोड़ा-छोड़ी करने लगी. मम्मी हुमको डिस्टर्ब नही करती थी. वो भी खुश थी क्यूंकी वो भी 10 बजे के बाद दादा जी से चूड़ने चली जाती थी.

मों काफ़ी खुश रहने लगी थी. पहले हम दोनो भाई-बेहन को शुरू से ही हॉस्टिल में रखा था. टांकी मों दादा जी के साथ पूरी रात चुदाई कर सके, और कोई देखे भी नही. बुत हम दोनो को हॉलिडेज़ मिली तो मों टेन्षन में थी की कही हम दादा जी और मों को चुदाई करते हुए ना देख ले.

हम दोनो ने प्लान बना लिया की अब हम हॉस्टिल में नही लगेंगे. हम दोनो उपर रूम में ही रात को सेक्स करते. दीदी दिन में मम्मी की हेल्प करती थी, तो मों का काफ़ी टाइम बच जाता था. मों हम दोनो से काफ़ी खुश थी.

दीदी को दिन में उपर अपने रूम में लोड्‍ा चुस्वता था. बदले में मैं उसके बूब चूस्टा. दीदी को दिन में सेक्स पसंद नही था. घर में कोई नही होता, तब मैं उसकी त-शर्ट में हाथ डाल कर मुममे दबाता, या फिर लीप-लॉक करता. दीदी रात को बहुत मज़े देती थी. चुदाई के कारण वो भी काफ़ी खुश रहने लगी थी. उसके फेस पर चुदाई का नशा सॉफ दिखता था.

दीदी अब खूब गोरी हो गयी थी. जब नंगी होती तो क़यामत लगती थी. रात को हम दोनो नंगे ही सोते थे. रात को मूड बनता तो उसको नींद में ही पेलने लगता. वो भी खूब साथ देती थी.

हम दोनो नीचे होते तो दीदी मों के मुममे की पिक क्लिक करके मुझे भेजती थी, और कभी मुझे इशारा करती थी की मों के काफ़ी मुममे दिख रहे है.

हम 2-3 बार मों और दादा जी की चुदाई देखने नंगे हो कर गये. अंदर दादा जी मम्मी को छोड़ रहे थे, और बाहर मैं दीदी को छोड़ रहा था.

दीदी भी मों की चुदाई देख कर खूब मज़े से छुड़वा लेती थी. फिर चाँदनी रात आ गयी तो हमने नीचे जाना बंद कर दिया. रात को दीदी नहा कर रोज़ की तरह नंगी मेरे पास आ गयी.

अमित: वाउ बेबी, तेरा तो फोटोशूट करना पड़ेगा. बहुत सेक्सी लग रही हो.

मोनिका: फोटोशूट की क्या ज़रूरत है. तुम तो पूरी रात नंगी ही रखते हो.

अमित: वो तो ठीक है, पर तेरी पिक तू खुद देखेगी तो तुझे पता चलेगा की तू क्या चीज़ है. पीछे से गांद की पिक देखने वाली है.

मोनिका: मुझे भी तेरे लंड की पिक चाहिए भाई.

अमित: यार तू घोड़ी बन कर चुड़वति है, तो छूट में लोड्‍ा घुसेधते हुए की वीडियो बनानी है.

मोनिका: तो बना लेना. पहले मुझे भाई की पप्पी चाहिए. तेरी गोद में बैठ कर किस करने है. तू मज़े से चूस अपनी बेहन के गाल.

चुम्मा-छाती से बेहन खुश रहती है. वो झट से मेरे पास आ गयी. अपनी टांगे चौड़ी कर मेरी गोद में बैठ गयी. उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए. अपनी बाहें मेरे गले में डाल दी. मैने भी उसकी पीठ पर हाथ रख कर उसको मेरे नज़दीक कर लिया. दीदी अब मेरे होंठ चूस रही थी.

मोनिका: उम्म भाई उम्म.

अमित: बेहन की छूट ओह बेबी आज चूड़ेगी तू.

मोनिका: चूस ना अपनी रंडी बेहन को.

अमित: ऑश बेबी तेरी चुचि जब मेरे सीने से लगती है, तो मज़ा आता है.

मोनिका की चुचि की रग़ाद मेरे सीने से लग रही थी. मुझे मज़ा आ रहा था.

मोनिका: वाउ भाई, तूने तो मेरे मूह की बात कह दी. चुचि मस्त हो जाती है जब कोई मर्द का सीना साथ लगता है. ऑश क्या नशा है.

अमित: यार तेरी छूट तो रोज़ लेता हू, मों की छूट कब मिलेगी? आज मों के भीगे हुए बूब देख कर बहुत मॅन कर रहा है. दीदी कोई प्लान बना यार, मम्मी के मुममे चूसने है.

मोनिका: ह्म मों को पटना तो ईज़ी है. दादा जी शायद कल बाहर जाएँगे, तब मों अकेली होगी. तब करेंगे कुछ.

अमित: चल बेड पर आराम से लेट कर करते है. दीदी तू लेट जाना, मैं उपर चढ़ कर छोड़ूँगा.

मोनिका: ऑश तू बस शॉट मारते रहना भाई.

दीदी लेट गयी तो मैने छूट पर लंड रखा और शॉट मारने शुरू कर दिए. थोड़ी ही देर में लंड छूट में समा गया.

मोनिका: ऑश भाई आअहह अब मज़े कर दीदी के साथ.

मैं दीदी की गोरी टाँगो में अपनी टाँग रख कर धीरे-धीरे शॉट मार रहा था. मैं दीदी के गाल चूस रहा था.

मोनिका: वाह भाई आअहह. अब आई बेहन भाई के नीचे! भाई तेरा लंड छूट में आते ही मज़ा आने लगता है. छ्होटे तेरा लोड्‍ा बहुत काम का है. मज़ा आ रहा है क्या बेहन की छूट का?

अमित: ऑश वाउ दीदी.

मैं उसके गाल और होंठ चूस रहा था. बीच-बीच में हल्के शॉट मार रहा था. मोनिका मस्ती से अपने निपल्स चूसा रही थी. मैं भी उसके बूब खा रहा था. कभी होंठ चूस्टा तो कभी गाल पर जीभ फेरने लगता. मोनिका खूब मस्त हो रही थी.

अमित: कुछ भी कहो यार दीदी. बेहन छोड़ने में बहुत मज़ा आता है.

मोनिका: ह्म, खुद की बेहन हो तो मज़ा डबल हो जाता है. श यार तू तेरे जीजा की हेल्प कर रहा है.

अमित: वो कैसे?

मोनिका: बेहन की सील तोड़ कर चूड़ी चुदाई बेहन देगा.

अमित: यार बेहन भी तो चुडवाएगी ही. इससे अछा है की उसको घर में ही छोड़ लो.

मोनिका: एक बात है मैं तुझे शरीफ समझती थी, तू तो बड़ा बहनचोड़ निकला!

अमित: जिसके घर में तेरी जैसी मस्त बेहन हो, तो बहनचोड़ बनेगा ही.

मोनिका: चुम्मा छाती बहुत कर ली मेरी. अब छूट छोड़नी शुरू कर यार.

अमित: ह्म आहह मोनिका दीदी बहुत मस्त है तेरी छूट. तेरी छूट में जो मज़ा है वो किसी और में नही. लोवे योउ दीदी उउउंम्माहह, बहुत मस्त माल है तू.

मोनिका: थॅंक्स भाई यार घर में ही छूट की कदर करने वाला मिल गया. भाई ऑश मज़ा दे पूरा तेरी दीदी को.

अमित: ऊहह छूट छुड़वा कर मज़ा आ रहा है?

मोनिका: ह्म्‍म्म्म आहह छ्होटे मज़े के लिए ही तो मरवा रही हूँ. ऑश भाई तेरे लोड ने मज़े दे दिए आअहह.

अमित: ऊओह दीदी मज़ा आ रहा है. ऐसे तो कोई अपनी बीवी को भी नही छोड़ता होगा. आहह पूरी रात बीवी की तरह बेहन के मज़े लेना बाबूत अछा लगता है.

मोनिका: आहह यार कोई शक भी नही करता की मैं अपने भाई से छुड़वा रही हू. ऑश आअहह तेरा लोड्‍ा छूट का पानी निकाल देता है.

अमित: आअहह दीदी.

मोनिका: भाई मज़ा आ रहा है. शॉट ज़ोर से मार. भाई तेरा लंड मस्त है. ऑश पेल आचे से छूट.

अमित: ऑश बेहन की छूट छोड़ने के लिए तो मेरे साथ रखता हू. ऑश तेरे मुममे ऊओह क्या माल है तू दीदी.

मोनिका: ऑश भाई लंड पूरा फील हो रहा है. ऊओह भाई ऊओ भैया ऊऊहह मज़ा आने लगा है. गीली हो रही है मेरी आअहह.

अमित: ऑश बेहन की लोदी आअहह मज़ा आ रहा है. ऑश आआहह आअहह तेरी छूट ऊहह मज़ा दे रही है मेरी च्चामक छल्लो आअहह आहह छूट छोड़ने दे मेरी जान.

मोनिका: ऑश छोड़ तो रहा है आअहह. रंडी बना कर रख रखी है अपनी बेहन. जब मॅन करता है उपर चढ़ जाता है. आअहह ऊहह होने वाली हू.

अमित: ऑश आआहह ऐसे ही प्रेग्नेंट करूँगा तुमको मेरी रंडी बेहन. उउउन्नकचछ आअहह ऊहह ऊओ ऊओहूओ ऊओ य्य्ाआर ऊऊ बाबययी चुड रही है बेहन.

मोनिका: बेहन तो छोड़ने के लिए ही बनी है. आअहह अपनी बेहन हो तो बहनचोड़ बन कर छोड़ ले लोड.

छूट फ़चक-फ़चक करने लगी. मैने ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारे तो दीदी एक-दूं से ढीली पद गयी. पर वो हिली नही. मैने कुछ देर उसको छोड़ना चालू रखा. फिर उसकी छूट में झाड़ गया. वो खड़ी हुई और अपने होंठ मेरे होंठो पर रख कर प्यार करने लगी.

मेरा हाथ उसकी गांद पर था. आज मुझे चुदाई का बहुत मज़ा आया. अपनी बेहन की छूट छोड़ कर मैं बहुत खुश था. वैसे भी वो मुझे बहुत प्यार करती है, और जब छोड़नी होती है तो झट से तैयार हो जाती है.

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