भाभी ने कहा कि तुम बड़े शैतान हो-2


सोनिया के साथ कुछ पल की चूमा चाटी ने मेरे मन मस्तिष्क को हिला कर रख दिया था और मैं उस कामुक सोनिया को भोगने की फिराक में आ गया था।
अब आगे..

कुछ देर बाद मम्मी भी मार्केट से आ गईं। उसके बाद मैंने शाम तक मौका देखता रहा.. पर कोई मौका नहीं मिला।
मैं बड़ा निराश हुआ.. क्योंकि मुझे आज रात को ही दिल्ली जाना था।

शाम को मैंने अपनी फ्रेंड की शादी अटेण्ड की और रात 11 बजे घर आ गया।

पर अब मैंने मन बना लिया था कि यह मौका नहीं जाने दूँगा, मैंने एक दिन और हरिद्वार में रुकने का फैसला किया।
मैंने मम्मी से कहा- मैं नहीं जा रहा हूँ.. थक गया हूँ कल जाऊँगा।
फिर मैं सो गया।

सुबह उठते ही मैं सोनिया को चोदने का मौका तलाशने लगा.. पर वो मुझे दिख नहीं रही थी।
मुझे थोड़ी देर बाद पता चला कि वो अपनी सास के यहाँ गई है.. जो पास में ही रहती है।
मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था।

मेरे ताई जी की लड़की गाँव से आई हुई थी.. तो मेरी बहन और मम्मी उनसे मिलने चली गईं।

मैं घर में ही इस इंतज़ार में था.. कि कब वो आएगी।
दोपहर के 2 बज गए थे.. पर वो नहीं आई।

दोपहर बाद मौक़ा मिला
फिर थोड़ी देर बाद देखा कि वो आ रही है.. मैं खुश हो गया।
वो अपना बेबी अपनी सास के पास छोड़ कर आई थी।

मुझे देख कर वो मुस्कुराई और अपने कमरे में चली गई।
उसने दरवाजा खुला छोड़ दिया था।
मैं भी आहिस्ता से उसके कमरे के नजदीक चला गया और दरवाजे पर खड़ा हो गया। उसने कहा- गेट पर क्यों खड़े हो.. अन्दर आ जाओ?

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मेरे अन्दर जाते ही वो मुझ पर टूट पड़ी.. जैसे बरसों की प्यासी हो। मैं भी उसे किस कर रहा था।
लगभग 5 मिनट तक मैं उसे किस करता रहा.. उसके बाद मैंने उसकी कुरती निकाल दी।

अब वो गुलाबी ब्रा में मेरे सामने थी।
मैं उस कामुक मंजर का बयान नहीं कर सकता कि वो कितनी सेक्सी लग रही थी।
मेरा मन कर रहा था कि उसकी चूत अभी फाड़ दूँ.. पर मैंने अपने आप पर संयम किया।

मैं धीरे-धीरे नीचे आया और उसके मम्मों को चूसने लगा। उसके मम्मों से दूध आ रहा था.. जो मेरे मजे को दुगना कर रहा था।
कभी मैं उसका दायाँ निप्पल चूसता.. तो कभी बायाँ.. वो तो पूरी तरह से गर्म हो गई थी।

अब चोद दो मुझे.. मैं बहुत प्यासी हूँ
वो कह रही थी- बस करो राजू.. अब चोद दो मुझे.. मैं बहुत प्यासी हूँ।
पर मैं नहीं माना.. मैं उसे और तड़पाना चाहता था।

अब मैं उसकी कमर पर किस करने लगा और पजामी के ऊपर से ही उसकी चूत को रगड़ने लगा।
वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।

फिर मैं उसे होंठ पर फिर से किस करने लगा। उसकी सिसकारियां पूरे कमरे में गूँज रही थीं।
उसे चुम्बन करते-करते मैंने उसकी पजामी खोल दी।

अब वो केवल लाल पैन्टी में मेरे सामने थी, मैंने उसकी पैन्टी में हाथ डाल दिया और उसे किस करता रहा।

धीरे-धीरे सोनिया की चूत में उंगली घुसेड़ने लगा। जैसे ही उसकी चूत से मेरी उंगली टच हुई वो एकदम से उछल पड़ी।

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वो कहने लगी- प्लीज़ राजू, मुझे चोद दो.. मैं बहुत प्यासी हूँ.. मेरा पति मुझे हफ़्ते में एक बार ही चोदता है.. वो भी सीधे ऊपर चढ़ जाता है और अपना काम होने के बाद हट जाता है। मैं प्यासी ही रह जाती हूँ।

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