भाभी की हार्डकोर चुदाई की कहानी

भाभी सेक्स स्टोरी का अगला पार्ट-

तो जब मैं सो कर उठा तब 12 बाज रहे थे. भाभी पार्लर जेया ही चुकी थी. मैने अपने सारे काम निपटाए, नाहया, आंड फिर 3 बजे तक ऑफीस के मेल्स वग़ैरा और बाकी का सारा कम ख़तम किया.

अब कुछ काम नही था, तो यार बोर होने लग गया. रोहिणी 9 बजे के अराउंड आती वापस. इतनी देर तक क्या करूँगा यहीं सोच रहा था. तो मैने रोहिणी को ही कॉल किया-

विवेक: यार बोर हो रहा हू. तुम वापस आओ फ्लॅट पर.

रोहिणी: अभी तो आई हू यार पार्लर. इतनी जल्दी कैसे वापस आ जौ?

विवेक (मैने भी ज़िद की): आ जाओ, वरना फिर मैं ही पार्लर आ कर अपने साथ वापस ले अवँगा. फिर संभालना अपने स्टाफ के लोगों को.

रोहिणी: रात तक का भी सबर नही हुआ तुमसे? यार ठीक है, आती हू बाबा.

विवेक: अछा सुनो, आते हुए मेरा समान जो मैने बताया था वो लेकर ही आना.

रोहिणी: कों सा समान बच्चे?

विवेक: हाए यार ऐसे बच्चे बोलती है तो मॅन होता है की बूब्स पकड़ कर मूह में भर लू, और सारा दूड्दू पी जौ. फिर नीचे छूट फाड़ चुदाई करू. हाए जल्दी आजा मेरी रांड़, और समान सारा लेकर आना. वरना मुझे फिर दोष मत देना की हाए विवेक गांद फाड़ दी उउउइई मा मार दिया जानवर.

रोहिणी: अर्रे बस-बस सस्शह, बदमाश कही के! हा-हा ले अवँगी सब. अब रखो फोन, वरना यहीं शुरू हो जाओगे तुम तो.

मैने किचन से तोड़ा बहुत जो कुछ सॅंडविच वग़ैरा रखा था, वो खाया, आंड कुछ फ्रूट्स खाए. फिर रोहिणी के आने की वेट करने लगा. रोहिणी ने बेल बजाई. मैने गाते खोला, तो वो जल्दी से अंदर आई, और सीधा वॉशरूम की तरफ गयी. मैं भी पीछे-पीछे चल दिया.

रोहिणी: अर्रे अब यहाँ तो छ्चोढ़ दो अकेला यार.

हम दोनो हासणे लगे, और मैं वापस आ कर सोफे पर बैठ गया. रोहिणी हाथ मूह धो कर बाहर आई, और आ कर सोफे पर बैठी.

रोहिणी: तुम्हारे चक्कर में कितनी आक्टिंग करनी पड़ी मुझे मालूम है कुछ?

विवेक: क्या आक्टिंग की?

रोहिणी: जब यहाँ से गयी तब आक्टिंग की के वीकनेस हो रही है बहुत. शायद फीवर आएगा. फिर जब तुमने वापस आने की ज़िद की, तब फिरसे वीकनेस का बहाना किया, और चक्कर खा कर वहीं चेर पर गिर पड़ी. सब तुम्हारी वजह से.

विवेक: मेरी वजह से या…

और ऐसा कह कर मैने भाभी की थाइस पर हाथ रखा, और उपर की तरफ हाथ ले जेया कर छूट पर रख दिया.

रोहिणी: तोड़ा तो रूको बेबी, आते ही शुरू करना है क्या? अभी तो पूरी रात पड़ी है हमारे पास.

विवेक: यार सुबह से रुका ही तो हू. अब नही वेट होगा मुझसे.

रोहिणी भाभी स्माइल किए जेया रही थी. फिर मैने उनके बूब्स पकड़ कर उनको अपने पास खींचा, और उनके होंठो को किस किया. होंठो को किस करते-करते भाभी भी गरम हो गयी, और वो भी फुल सपोर्ट करने लगी. मैं बूब्स दबा रहा था, और किस कर रहा था. फिर भाभी साइड से उठ कर किस करते-करते मेरी गोद में आ कर बैठ गयी, और ग़ज़ब की एनर्जी के साथ मेरे होंठ चूसने लगी एक-दूं कस्स कस्स. मेरा लंड तंन गया उनके इस अंदाज़ से भाई.

अब रोहिणी अपनी गांद घूमने लगी मेरे लंड पर किस करते-करते. मैने उसके पैरों को अपनी कमर पर लपेट लिया, और उसे गोद में उठा कर बेडरूम में ले गया, और बेड पर पटक दिया.

विवेक: भाभी मेरा समान कहाँ है?

रोहिणी: यार अभी छूट-छूट से कर लो ना. गांद रात में ले लेना. मुझे बहुत दर्र लग रहा है तुमसे, और तुम्हारे लंड से.

विवेक: अर्रे दररो मत भाभी, कुछ नही होता. सब बेकार में डरते है. वो शिखा भी पहले ऐसे ही दर्र रही थी, और अब वो सबसे ज़्यादा तो गांद ही मरवती है.

रोहिणी: क्या! तुमने शिखा की गांद भी छोड़ ली? तभी चूतड़ बड़े हो रहे है उसके.

विवेक: अर्रे छोड़ी? फाड़ डाली भाभी. बहुत मस्त माल है साली. कसम से लंड को उसकी छूट और गांद का ऐसा स्वाद लगा है की पूछो मत. साली इतनी मस्त तरह से चुड़वति है, की मॅन नही भरता उसको छोड़ने से. कसम से अगर एक पुर दिन मेरे लंड का पानी ना निकले, तो पुर दिन उसको बेड से उतरने ना डू.

रोहिणी: अछा, क्या इतनी मस्त छूट है उसकी? इतना मज़ा आता है उसको छोड़ने में?

विवेक: पूछो मत भाभी आप तो. मेरा लंड देखो, उसका नाम लिया और शेर कैसे टाइट हो गया है. अब आप की शामत आई भाभी.

मैं भाभी को खींच कर बेड के कॉर्नर पर लाया और पैर एक साइड करके लंड पर तोड़ा थूक लगाया. फिर उसकी छूट में पेल दिया.

रोहिणी: आ मा, तोड़ा चाट लेते विवेक छूट को. गीली नही हुई अभी आअहह आअहह धीरे रे एम्म मा.

मैने ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने शुरू किए, और लंड छूट में गपगाप पेलने लगा. लंड फुल टाइट था, और छूट भी कस्स कर जकड़े हुए थी, तो छूट की दीवारों से रग़ाद खाता हुआ मस्त गरम फील हो रहा था. उस पर भाभी की सिसकारियाँ अलग कहर ढा रही थी. मैं तोड़ा झुका भाभी के उपर, और उनका कंधा पकड़ कर ग्रिप बनाई. फिर छोड़ता रहा पेल-पेल कर.

रोहिणी: हाए रे मा, उम्म, बहुत टाइट है यार तुम्हारा. प्लीज़ तोड़ा धीरे-धीरे करो. इतना हार्ड फक मत करो प्लीज़.

विवेक: भाभी यार आप फिरसे आधा अधूरा बोलने लगी. कल रात ही बोला था ना मेरे साथ शरम हया का कोई काम नही है. खुल कर बोलो, और खुल कर लंड लो और छूट दो.

रोहिणी: आहा मा मॅर गयी रे. कैसा बेशरम दरिन्दा मिला है. मेरी छूट फाड़ दी एम्म उफफफ्फ़ मेरी छूट जल रही है विवेक. छोड़ो मुझी, और ज़ोर से आअहह आअहह आअहह नही इतना अंदर नही आ.

मैने 8-10 मिनिट उसी पोज़ में पेला भाभी को. फिर उनकी टाँगें खोल दी, और हवा में करके उनको पकड़ने को बोला. फिर डीप शॉट्स मारने लगा. भाभी के बूब्स एक-दूं उपर जाते और नीचे आते. हर एक झटके पर मैने भाभी के उपर पूरा झुक कर, उनके बूब्स को पकड़ कर, उनमे अपना मूह दबा लिया, और दबा कर सिर हिलने लगा, और बीते करने लगा पुर बूब्स पर.

रोहिणी: हाए रे विवेक, तुम पुर जानवर हो. दैया रे, अया काटो मत प्लीज़, चूस लो जितना चाहो.

मैने निपल बीते किए, और लंड पेलता रहा. कमरा सारा फॅक फॅक फॅक और आअहह आअहह से भरा था.

रोहिणी: विवेक मेरे पैर दुखने लगे है हवा में किए-किए, नीचे कर लू?

मैने हा में सिर हिलाया तो भाभी ने पैर नीचे करके मेरी कमर में घुमा लिए. अब हर धक्के पर भाभी बेड में घुस जाती, इतनी पेल-पेल कर छोड़ रहा था. भाभी अपने होंठो को दांतो से दबा कर हर झटके को बर्दाश्त कर रही थी.

रोहिणी (भारी आवाज़ में): हुउऊउ हुउऊउ एम्म्म सस्स्स्शह हाए अम्मा विवेक प्लीज़ तोड़ा रहम करो ना. मार दोगे क्या आज?

विवेक: अर्रे भाभी मार दूँगा तो गांद किसकी मारूँगा?

रोहिणी ने मेरी पीठ पर थप्पड़ मारा.

रोहिणी: धात्ट बदमाश!

अब मैं अपनी गांद उठा कर नही छोड़ रहा था. अब मैं गांद आयेज-पीछे घिस कर छोड़ रहा था धीरे-धीरे, पर डीप. भाभी झाड़ गयी थी, तो थोड़ी रिलॅक्स्ड भी थी, और एग्ज़ाइटेड भी.

5 मिनिट ऐसे ही छोड़ कर मैं वापस से खड़ा हुआ, और भाभी को खींच कर नीचे किया उल्टा. मतलब अब उनका सिर से कमर तक का पार्ट नीचे था, और कमर से पैर तक बेड पर. फिर मैं बेड पर गया, और भाभी की कमर पकड़ कर उठा ली. अब भाभी हाथो के बाल ज़मीन पर थी.

रोहिणी: अब क्या नया करने जेया रहे हो विवेक? क्यूँ डरा रहे हो?

मैने कुछ नही बोला, और अपने लंड के पास खींचा उनको, और छूट में पेल दिया. अब भाभी हाथो के बाल ज़मीन पर खड़ी थी, और मैं बेड पर खड़े हो कर उनकी छूट पेल रहा था.

रोहिणी: आ नही-नही विवेक, प्लीज़ आअहह बहुत अंदर तक पेल रहे हो यार. बहुत दुख रहा है इस पोज़ में. नही रुक जाओ यार.

मैने ताबड़तोड़ पेलना शुरू किया. बेड छार्र-छार्र की आवाज़ कर रहा था, और छूट मारने से ठप ठप की आवाज़ आ रही थी. मस्त माहौल में सेक्स दिमाग़ पर चढ़ रहा था, और खूब जोश में भाभी की छूट फाड़ चुदाई हो रही थी.

विवेक: भाभी मेरा होने वाला है. क्या मस्त माल है तू साली, मज़ा आ गया यार छोड़ कर.

रोहिणी: मेरी तो मा चुड गयी विवेक, बस जल्दी निकालो अपना लंड हाए रे. आअहह आअहह धीरे छोड़ो प्लीज़.

मैने 5 मिनिट और ठुकाई की. फिर एंड तक लंड पेल कर रुक गया, और सारा माल अंदर गिरा दिया.

रोहिणी: मार डाला यार तुमने. बहुत बेरेहमी से छोड़ते हो तुम. पता नही शिखा कैसे झेलती है तुम्हे. अब समझ आ रहा है की वो इतनी क्यूँ चिल्लती है चूड़ते हुए. तुम कुछ नही सुनते हो एक बार छोड़ना शुरू कर देते हो तो.

विवेक: भाभी आप बस एक बारी में ऐसे बोल रही हो. वो साली तो साल भर से छुड़वा रही है.

रोहिणी: तो उसको छोड़ा भी तो तुमने ही है. उसे अब आदत हो गयी होगी तुम्हारे इस मूसल की. मुझे अभी तोड़ा टाइम लगेगा यार. छूट को अड्जस्ट होने दो तोड़ा, फिर देखना कमाल मेरा.

विवेक: अछा जी.

भाभी को जब समझ आया की क्या बोली, वो तो शर्मा गयी.

रोहिणी: तुम कल से मेरी छूट भर रहे हो. मैं सच में प्रेग्नेंट हो जौंगी यार. बहुत प्राब्लम हो जाएगी.

विवेक: कोई प्राब्लम नही होगी भाभी. मुझे बस दूड्दू पिलाओ अपना.

रोहिणी: तुम्हे दूड्दू पिलाने के चक्कर में प्रेग्नेंट हो जौ? और फिर सोसाइटी में क्या बोलूँगी, किसका बच्चा लिए घूम रही हू पेट में? रोज़ पार्लर कैसे जौंगी, और उन्हे क्या बतौँगी?कुछ सोचते नही बस जो मॅन में आता है बोल देते हो, और वहीं करने लगते हो. नही पासिबल है, जो तुम चाह रहे हो.

विवेक: यार भाभी, प्लीज़ मेरे लिए इतना नही कर सकती हो क्या? मुझे आपका दूड्दू टेस्ट करना है.

रोहिणी भाभी एक-दूं से स्माइल करने लगी.

रोहिणी: तुमसे बहस करना बेकार है. तुम नही सुधारने वाले. चलो हट्तो सॉफ-सफाई करने दो. कुछ खाया सुबह से?

विवेक: हा खाया ना.

रोहिणी: क्या खाया?

विवेक: आपकी छूट खाई ना 2 बार भाभी.

रोहिणी: अर्रे भगवान, ये लड़का!

विवेक: जल्दी-जल्दी कर लो जो भी करना है. मैं ज़्यादा टाइम नही दूँगा. मुझे बहुत भूख लग रही है, तो अब छूट नही पूरी गांद ख़ौँगा भाभी.

रोहिणी भाभी माथे पर हाथ मारते हुए किचन में गयी. फिर खाना बनाया. हमने साथ बैठ कर खाना खाया, और नहाए. फिर भाभी के साथ उनके पस्त के बारे में बात की, उनकी लाइक्स डिसलाइक्स, और फिर मेरे बारे में, घर के बारे में. ऐसे ही इधर-उधर की बातें करके हम दोनो सो गये.

गांद चुदाई अगले पार्ट में करते है. तब तक फीडबॅक दीजिएगा.

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