मैंने पूरी क्रीम को चाट लिया.. फिर हम साथ में नहाने चले गए। फव्वारे में नहाते वक्त हमने खूब चुम्बन किए।
अब मैंने भाभी की पैंटी उतारी और लौड़ा चूत में लगा कर उन्हें धीरे-धीरे चोदने लगा।
पहले उन्हें बहुत दर्द हुआ फिर धीरे-धीरे दर्द कम होता गया और मज़ा आने लगा।
भाभी की कामुकता भरी आवाज़ों से मेरा जोश और बढ़ गया।
फिर मैंने उन्हें देर तक अलग-अलग तरीकों से चोदा और अपना वीर्य उनकी चूत में गिरा दिया।
फिर हम लोग बिस्तर पर चले गए और दोनों नंगे ही एक-दूसरे की बांहों में सो गए।
भाभी की गांड मारी
सुबह के लगभग 5 बजे वो उठीं और उन्होंने मुझे चूमना चाटना शुरु कर दिया। मेरा भी नींद खुल गई और मैं भी उन्हें चूमने लगा।
फिर मैंने उनकी गाण्ड चाटी.. फिर उनकी गांड में लण्ड डाल कर पेलने लगा।
मैंने उन्हें इस बार और देर तक चोदा और उनकी गाण्ड में ही अपना वीर्य गिरा दिया।
इतनी देर में वो दो बार झड़ चुकी थीं.. क्योंकि उनकी चूत में मेरी उंगली खेल रही थी।
फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में ले कर चूसना चालू किया और कुछ ही पलों में मेरा लम्बा लण्ड फिर से खड़ा हो गया।
इस बार मैंने लण्ड उनकी चूत में डाला और एक ही झटके में पूरा पेल दिया।
उनके मुँह से बहुत ही तेज़ चीख निकल गई, मैंने उनके चीखों पर ध्यान ना देते हुए चोदना जारी रखा।
देर तक मैंने उन्हें कई तरीकों से चोदा और जब मेरा निकलने वाला था.. तो मैंने अपना लण्ड उनके मुँह में डाल दिया और उन्होंने मेरा सारा वीर्य पी लिया।
उसके बाद हम रोज भैया के ऑफिस जाने के बाद चुदाई करते।
अब वो फिर से प्रेगनेंट हो गई हैं और उन्होंने बताया कि वो बच्चा मेरा है.. लेकिन भैया को इस बारे में आज तक कुछ पता नहीं है।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे ज़रूर बताएँ.. मुझे ईमेल करें..