बेटे को हुआ मा पर शक

ही दोस्तों, ये सेक्स कहानी मेरी ज़िंदगी की एक सॅकी घटना पर आधारित है, जो की मैं अपनी पहले कहानी के द्वारा आप लोगों तक पहुँचना चाहता हू. अगर लिखने में कुछ ग़लती हो जाए, तो माफ़ करना. मैं खुद को दे बाइ दे इंप्रूव करूँगा, ये वादा रहा.

तो चलिए कहानी शुरू करते है. किरदारों के नाम- मेरी मा सुशीला, अफ क्या माल है यार, उमर 48 यियर्ज़ (36-30-38), हाइट 5’6″, एक भारी हुई बॉडी की मालकिन. जब चलती है तो मानो जिस्म से कहर ढा रही हो. उसके दूध और मोटी गांद के बीच में पतली कमर ऐसी है, मानो दो बड़े पहाड़ों के बीच में एक भूमि थोड़ी सी नीचे है, किसी वॅली के तरह.

दूसरा किरदार- मेरी मम्मी की दोस्त रीना आंटी, उमर 46 यियर्ज़ (34-30-36). आहह क्या रांड़ है वो यार. उभरे हुए दोनो स्टअंन, रसीले होंठ, मादक गांद, एक-दूं क़यामत.

तीसरा किरदार- मेरे सरत अंकल, जो की मेरे पापा के दोस्त है. 5’9″ हाइट वित आवरेज बॉडी. लंड का साइज़ 6.2 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा.

चौथा किरदार- रीना आंटी के हज़्बेंड नरान अंकल. उनकी 5’5″ हाइट वित तगड़ी बॉडी. लंड का लंबाई 7 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा.

पाँचवा मैं खुद- अमित, कॉलेज में हू, देखने में ठीक तक, आवरेज बॉडी. मेरे लंड का साइज़ 6.5 इंच लंबा, पर मोटाई 4.3 इंच है.

तो ये कहानी ये है 2020 एप्रिल की. मेरे कॉलेज के एग्ज़ॅम ख़तम हुए थे और हम सब लोग मामा के घर जाने की प्लॅनिंग कर रहे थे. पापा बिज़्नेस के सिलसिले में बाहर थे, तो मामा मम्मी, मुझे, और मेरे छ्होटे भाई को लेने आए थे. पर अचानक से मम्मी की तबीयत खराब हो गयी और वो खुद बाद में आने को बोल के हम दोनो को मामा के साथ भेज दी. तब तक मुझे मम्मी बारे में, या उनके लिए कोई ग़लत इरादा नही था.

फिर मैं और मेरा भाई मामा के घर गये, और वहाँ मामा के बच्चो के साथ एंजाय कर रहे थे. पर फिर बीच में मेरा रिज़ल्ट आया, और नेक्स्ट एअर के लिए काउन्सेलिंग के लिए मेरे डॉक्युमेंट्स की ज़रूरत थी, जो की घर में थे. इसलिए मुझे तुरंत घर जाना था. मुझे छ्चोढने के लिए कोई नही था, क्यूंकी मामा को बाहर काम था.

फिर मामा ने मुझे बस में बिता कर अकेले घर भेजा. ये सब इतना जल्दी हुआ की मुझे मम्मी को बताने का टाइम भी नही मिला, और फिर गाओं गये हुए हमे 15 दिन हो गये थे, तो मैने भी मम्मी को सर्प्राइज़ देने को सोचा, और बिना बताए घर चला गया. पर जब मैने गाते खटखटाया तो कोई भी गाते नही खोला.

फिर टीन चार बार आवाज़ देने के बाद, मम्मी ने आके गाते खोला. लेकिन मुझे देख के खुश होने के बजाए, मम्मी के फेस का रंग ही उडद गया.

मम्मी: अमित तू, तू यहाँ कैसे? और कब आया? और आने से पहले मुझे बताया क्यूँ नही?

मे: अर्रे मम्मी, क्या सब कुछ यहीं पूचोगी? मुझे अंदर तो आने दो.

मम्मी घबराते हुए: हा मेरा बच्चा, तू अंदर आ, (सिचुयेशन संभालते हुए). कैसा है तू? कितना काला पद गया 15 दिन में. और बता छुट्टियाँ कैसी रही? मामा-मामी कैसे है? और बिना बताए कैसे आ गया? कुछ हो जाता तो तुझे?

मे: अर्रे मम्मी कुछ नही होगा मुझे. अचानक कौँसेलिंग स्टार्ट हुई, तो मुझे बिना बताए आना पड़ा.

फिर इधर-उधर की बात हुई और मुझे मेरे बेडरूम की जगह ड्रॉयिंग रूम में बिता के मम्मी फ्रेश होने गयी.

मे: मम्मी मैं फ्रेश हो आता हू.

मम्मी भआग्ते हुए: बेटा तेरा शवर तोड़ा खराब है, तो तू गेस्ट रूम उसे कर ले अभी. मैने प्लमबर को बुलाया है. वो आके आज शवर ठीक कर देगा, और तू ये बाग मुझे देदे, में रख देती हू.

मे: ठीक है मम्मी.

और मम्मी बाग लेके मेरे रूम में जेया रही थी. फिर जैसे मम्मी ने मेरे रूम को दरवाज़ा खोला, मैने पीछे से आवाज़ लगाई-

मे: मम्मी, मेरा टवल तो डेडॉ.

और मैं भाग के वहाँ गया. पर तभी मम्मी ने अचानक से दरवाज़ा बंद कर दिया बाहर से.

मम्मी: ओह बेटा, मैं तो भूल ही गयी थी, ये ले.

पर तब तक मैने मेरा बेड देख लिया था, और वो बिखरा पड़ा था. और मेरे बातरूम से ताप चलने की आवाज़ आ रही थी.

मे: मम्मी क्या हुआ? आपने अचानक से दरवाज़ा बंद क्यूँ किया? और वो बातरूम से पानी की आवाज़!

मम्मी: अर्रे बेटा, मैने बोला था ना तेरे रूम का शवर खराब हो गया है. इसलिए वो पानी की आवाज़ आ रही है, और पानी चारों और हो गया है. इसीलिए मैने दरवाज़ा बंद किया ताकि पानी घर में ना फैले.

मे: ओक मम्मी.

और मैं ग्वेस्टर्म में फ्रेश होने चला गया. जब मैं नहा रहा था, तब मुझे तोड़ा-तोड़ा डाउट हुआ की आज मम्मी तोड़ा वियर्ड बिहेव कर रही थी. जब उसने गाते खोला तो उसके फेस पर दर्र था. उसके बाल बिखरे हुए थे. उसके ब्लाउस का लास्ट दो बटन खुले हुए थे. उसका देर से दरवाज़ा खोलना. मेरे रूम की बेडशीट का बिखरा होना. जब की जब हम घर में नही होते तो मेरे रूम में कोई नही जाता, और बेडशीट जैसी की तैसी होती है. पर आज नही थी.

बातरूम से अचानक से पानी का साउंड, और उस सब से ज़्यादा मा रात को निघट्य पहन के सोती है, और आज वो सारी में थी. वो फॅन्सी सारी में थी, और वो भी तब, जब घर में कोई भी ना हो. ये सब सोचते-सोचते मैं बाहर आया.

मे: मम्मी कहाँ हो आप? भूख लगी है, जल्दी से कुछ लाओ.

मम्मी: जेया बाल सूखा ले अपने रूम में, और कपड़े पहन ले. ये गीला टवल चेंज कर ले, वरना सर्दी लग जाएगी.

मे: पर मम्मी मेरा रूम तो पानी से भरा पड़ा है. आपने तो बोला की शवर खराब है.

मम्मी: हा बेटा, अब वो ठीक हो गया. प्लमबर ने आके उसे ठीक कर दिया.

मे: इतनी जल्दी, और इतनी सुबह?

मम्मी: हा वो मैने कल से उसे बोल रखा था ना इसलिए. और तू आज इतने ज़्यादा सवाल क्यूँ पूच रहा है? जाके कपड़े पहन आ, मैं खाना लगा रही हू तेरे लिए.

मे: ठीक है मम्मी.

फिर मैने रूम में आके कपड़े पहने, और बाल ठीक कर रहा था. तब मेरे हाथ से कंघी नीचे गिर गयी. फिर जब मैं कंघी उठाने नीचे झुका, तो बेड के कोने में मुझे कुछ दिखाई दिया. जब मैने उसे पकड़ के देखा, तो वो दो चड्डियान निकली. और वो दोनो थोड़ी गीली थी, और ध्यान से देखने पर दोनो में वाइट कलर का कुछ लगा हुआ था.

मुझे समझने में देर नही लगी की वो स्पर्म था. अब मुझे अंदाज़ा हो गया था की कल रात मम्मी की जाम कर चुदाई हुई थी. पर वो थे कों जिन्होने मम्मी को छोड़ा था? क्यूंकी पापा तो घर पर नही थे. फिर मैं ड्रेस उप होके ब्रेकफास्ट के लिए बाहर आया.

मे: मम्मी अब तो खाना लाओ.

मम्मी: हा बेटा ला रही हू.

फिर मम्मी ब्रेकफास्ट लेके आई, और मैं खाने लगा. तभी च्चत पर से कोई ज़ोर का साउंड आया जैसे मानो कुछ गिरा हो. मैं और मम्मी एक-दूसरे को देख रहे थे. फिर मम्मी भाग कर च्चत पर गयी, और मैं हाथ धो के उपर गया. तो मम्मी च्चत के गाते पर खड़ी होके देख रही थी, और च्चत की दूसरी साइड में एक ईंट गिरी हुई थी.

पर मैं जब गौर से देखा, तो मम्मी के हाथ में ईंट की थोड़ी से धूल लगी हुई थी. जब मैने मम्मी को पूछा तो वो बोली-

मम्मी: शायद कोई बंदर गिरा दिया होगा.

पर मम्मी के हाथ में ईंट की धूल कैसे आई, जब की वो तो जहाँ पर ईंट गिरी थी वहाँ गयी भी नही थी. और बंदर इतना वज़न कैसे उठा की च्चत के बीच गिराया? पर मैने ज़्यादा कुछ नही बोला, और हम नीचे आ गये.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा.

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