बाप का पाप

Baap beti chudai kahani दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और नई कहानी लेकर हाजिर हूँ मेरा नाम अंकिता हैं और मैं मेरे घेर मे सबके साथ चुदाई कर चुकीहू मेरे घर मे और ससुराल मे भी मेरी सबसे चुदाई हुई मैं पूरी सोलह सालकी हो चुकी और मैं औरत मर्द के रिश्ते को समझती थी. एक बार पापा को मम्मीको चोद्ते देखा तो इतना मज़ा आया कि रोज़ देखने लगी. मैं पापा की चुदाई देख इतना मस्त हुई थी कि अपने पापा को फसाने का जाल बुन ने लगी और आख़िर एक दिन कामयाबी मिल ही गयी. पापा को मैने फँसा ही लिया. अब जब भी मौक़ा मिलता, पापा की गोद मैं बैठ उनसे चूचियाँ दबवा दबवा कर मज़ा लेती.

पर अभी तक केवल चूचियों को ही दबवा पाई थी, पूरा मज़ा नही लिया था. मेरे मामा की शादी थी इसलिए मम्मी अपने मयक़े जा रही थी. रात मे पापा ने मुझे अपनी गोद मे खड़े लंड पे बिठाकर कहा था बेटी कल तेरी मम्मी चली जाएगी फिर तुझे कल पूरा मज़ा देकर जवान होने का मतलब बताएँगे. मैं पापा की बात सुन ख़ुश हो गयी थी. पापा अब अपने बेडरूम की कोई ना कोई विंडो खुली रखते थेजिससे मैं पापा को मम्मी से चुदते देख सकूँ. ऐसा मैने ही कहा था. फिर उस रात पापा ने मम्मी को एक कुर्सी पैर बिठाकर उनकी चूत को चाट कर दो बार झाड़ा और फिर 3 बार हचाक कर चोदा फिर दोनो सो गये. अगले दिन मम्मी को जाना था आज मम्मी जा रही थी पापा ने मेरे कमरे मे आ मेरी चूचियों को पकड़कर दो तीन बार मेरे होंठ चूमे और लंड से चूत दबा कर कहा कि तुम्हारीमम्मी को स्टेशन छ्छोड़कर आता हूँ फिर आज रात तुमको पूरा मज़ा दूँगा.

मैं बड़ी ख़ुश थी. पापा चले गये तो मैं घर मे अकेली रह गयी. मैं अपनी चड्डी उतार कर पापा की वापसी का इंतजार कर रही थी. मैं सोचा कि जब तक पापा नही आते अपनी चूत को पापा के लंड के लिए उंगली से फैला लूँ. तभी किसी ने दरवाज़ा खटखटाया. मैने चूत मे उंगली पेलते हुवे पूछा, “कौन है” मैं हूँ उमेश.उमेश का नाम सुन कर मैं गुदगुडी से भर गयी. उमेश मेरा 20 साल. का पड़ोसी था. वह मुझे बड़े दिनो से फसाना चाह रहा था पर मैं उसे लाइन नही दे रही थी.

वह रोज़ मुझे गंदे गंदे इशारे करता था और पास आकर कभी कभी चूचि दबा देता और कभी गांड पर हाथ फिरा कर कहता कि रानी बस एक बार चखा दो. आज अपनी चूत मे उंगली पेल मैं बेताब हो गयी थी. आज उसके आने पर इतनी मस्ती छाई कि बिना चड्डी पहने ही दरवाज़ा खोल दिया. मुझे उसके इशारो से पता चल चुका था कि वह मुझे चोदना चाहता है. आज मैं उससे चुदवाने को तैयार थी. आज सुबह ही पापा ने मम्मी को चेर पैर बिठाकर चूत चटकार चोदा था.मम्मी के भाई की शादी थी इसलिए वह एक सप्ताह के लिए गयी थी. पापा ने कहा था कि आज पूरा मज़ा देंगे.

इसके पहले पापा ने कई बार मेरी गदराई चूचियों को दबाकर मज़ा दिया था. मैं घर मे अकेली चड्डी उतार कर अपनी चूत मे उंगली पैल्कर मज़ा ले रही थी जिस से जब पापा का मोटा लंड चूत मे जाए तो दर्द ना हो. उमेश के आने पर सोचा कि जब तक पापा नही आते तब तक क्यों ना इसी से एक बार चुदवाकर मज़ा लिया जाय . मैने यही सोचकर दरवाज़ा खोल दिया.
मैने जैसे ही दरवाज़ा खोला उमेश फ़ौरन अंदर आया और मुझे देखकर ख़ुश हो मेरी चूचियों को पकड़कर बोला, “हाए रानी बड़ा अच्छा मौक़ा है.”

मैं उसकी हरकत पर सनसना गयी. उसने मेरी चूचियों को छोड़ कर पलटकर दरवाज़ा बंद किया और मुझे अपनी गोद मे उठा लिया और मेरी दोनो चूचियों को मसलते हुवे मेरे होंठो को चूसने लगा और बोला, “हाए रानी तुम्हारी चूचियों तो बहुत टाइट हैं. हाए बहुत तड़पाया है तुमने रानी आज ज़रूर चोदुन्गा.” हाए भगवान पापा आ जाएँगे. “डरो नही मेरी जान बहुत जल्दी से चोद लूंगा. मेरा टाइट है दर्द नही होगा.” वह मेरी गांड सहला कर बोला, “हाए चड्डी नही पहनी है, यह तो बहुत अच्छा है.” मैं तो अपने पापा से चुदवाने के जुगाड़ मे ही नंगी बैठी थी पर यह तो एक सुनहरा मौक़ा मिल गया था.

मैं पापा से चुदवाने के लिए पहले से ही गरम थी. जब उमेश मेरी चूचियों और गालो को मसलने लगा तो मैं पापा से पहले उमेश से मज़ा लेने को बेताब हो गयी. उसकी छेड़ छाड़ मे मज़ा आ रहा था. मेरी चूत पापा का लंड खाने से पहले उमेश का लंड खाने को बेताब हो गयी. मैं अपनी कमर लचकाती बोली, “हाए उमेश जो करना हो जल्दी से कर लो कहीं पापा ना आ जाए.” मैं पागल होती बोली तो उमेश मेरा इशारा पामुझे बेड पर लिटा अपनी पॅंट उतारने लगा.और नंगा हो बोला, “रानी बड़ा मज़ा आएगा. तुम एकदम तैयार माल हो. देखो मेरा लंड छ्होटा है ना.”
उसने मेरा हाथ अपने लंड पर रखा तो मैं उसके 4 इंच के खड़े लंड को पकड़मस्त हो गयी. इसका तो मेरे पापा से आधा था. मैं उसका लंड सहलाती बोली,“हाए राम जो करना है जल्दी से कर लो.” उमेश के लंड पकड़ते ही मेरा बदन तपने लगा. पहले मैं डर रही थी पर लंड पकड़ मचल उठी. मेरे कहने पर वह मेरी टाँगो के बीच आया और मेरी कसी कुँवारी चूत पर अपना छ्होटा लंड रख धक्का मारा. सुपाड़ा कुच्छ अंदर गया. फिर 3-4 धक्के मारकर पूरा लंड अंदर पेल दिया. कुच्छ देर बाद उसने धीरे धीरे चोदते हुवे पूछा, “मेरी जान दर्द तो नही हो रहा है. मज़ा आ रहा है ना” “हाए मारो धक्के मज़ा आ रहा है.”

मेरी बात सुन वह तेज़ी से धक्के मारने लगा. मैं उससे चुदवाते हुवे मस्त हो रही थी. उसकी चुदाई मुझे जन्नत की सैरकरा रही थी. मैं नीचे से गांड उचकाती सीसियाते हुवे बोली, “हाए उमेश ज़ोर ज़ोर से चोदो तुम्हारा लंड बहुत छ्होटा है. ज़रा ताक़त से चोदो राजा.” मेरी बात सुन उमेश ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. उसका छ्होटा लंड सटासॅट मेरी चूत मे आ जा रहा था. मैं पहली बार चुद रही थी इसलिए उमेश के छ्होटे लंड से भी बहुत मज़ा आ रहा था. वह इसी तरह चोदते हुवे मुझे जन्नत का मज़ा देने लगा. 10 मिनिट बाद वह मेरी चूचियों पर लुढ़क गया और कुत्ते की तरह हाफ़्ने लगा. उसके लंड से गरम, गरम पानी मेरी चूत मे गिरने लगा. मैं पहली बार चुदी थी और पहली बार चूत मे लंड की मलाई गिरी थी इसलिएमज़े से भर मैं उससे चिपक गयी.

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मेरी चूत भी टपकने लगी. कुच्छ देर बाद हमलोग अलग हुवे.
वह कपड़े पहन कर चला गया. मेरी चूत चिपचिपा गयी थी. उमेश मुझे चोदकर चला गया पर उसकी इस हिम्मत भारी हरकत से मैं मस्त थी. उसने चोद कर बता दिया कि चुदवाने मे बहुत मज़ा है. उमेश ठीक से चोद नही पाया था, बस ऊपर से चूत को रगड़ कर चला गया था पर मैं जान गयी थी कि चुदाई मे अनोखा मज़ा है. उसके जाने पर मैने चड्डी पहन ली थी.. मैं सोच रही थी कि जब उमेश के छ्होटे लंड से इतना मज़ा आया है तो जब पापा अपना मोटा तगड़ा लंड पेलेंगे तो कितना मज़ा आएगा. उमेश के जाने के 6-7 मिनिट बाद ही पापा स्टेशन से वापस आ गाये. वो अंदर आते ही मेरी कड़ी कड़ी चूचियों को फ्रॉक के ऊपर से पकड़ते हुवे बोले, “आओ बेटी अब हम तुमको जवान होने का मतलब बताएँगे.”

“ओह पापा आप ने तो कहा था कि रात को बताएँगे.” “अरे अब तो तेरी मम्मी चली गयी हैंअब हर समय रात ही है. मम्मी के कमरे मे ही आओ. क्रीम लेती आना.” पापा मेरी चूचियों को मसलते हुवे बोले. मैं उमेश से चुदवाकर जान ही चुकी थी. मैं जान गयी कि क्रीम का क्या होगा पर अनजान बन कर बोली, “पापा क्रीम क्यों” “अरे लेकर आओ तो बताएँगे.” पापा मेरी चूचियों को इतनी कसकर मसल रहे थे जैसे उखाड़ ही लेंगे. मैं क्रीम और टवल ले मम्मी के बेडरूम मे पहुची. मैं बहुत ख़ुश थी. जानती थी कि क्रीम क्यों मंगाई है. उमेश से चुदवाने के बाद क्रीम का मतलब समझ गयी थी. पापा मुझे लड़की से औरत बनाने के लिए बेकरार थे. मैं भी पापा का मोटा केला खाने के लिए तड़प रही थी. कमरे मे पहुँची तो पापा बोले, “बेटी क्रीम टेबल पर रखकर बैठ जाओ.”

मैं गुदगुदाते मन से चेर पर बैठ गयी तो पापा मेरे पीछे आए और अपनेदोनो हाथ मेरी कड़ी चूचियों पर लाए और दोनो को प्यार से दबाने लगे. पापा के हाथ से चूचियों को दबवाने मे बड़ा मज़ा आ रहा था. तभी पापा ने अपने हाथ को गले की ओर से फ्रॉक के अंदर डाल दिया और नंगी चूचियों को दबाने लगे. मैं फ्रॉक के नीचे कुच्छ नही पहने थी. पापा मेरी कड़ी कड़ी चूचियों को मुट्ठी मे भरकर दबा रहे थे साथ ही दोनो घुंडियों को भीमसल रहे थे. मैं मस्ती से भरी मज़ा ले रही थी.

तभी पापा ने पूछा, “क्यों बेटी तुमकोअच्छा लग रहा है” हाए पापा बहुत मज़ा आ रहा है. “इसी तरह कुच्छ देर बैठो. आज तुमको शादी से पहले ही शादी वाला मज़ा देंगे. अब तुम जवान हो गयी हो.हाए तुम लेने लायक हो गयी हो. आज हम तुमको ख़ूब मज़ा देंगे.”आााहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊहह्छ पाआआपाआा. “जब मैं इस तरह से तुम्हारी चूचियों को दबाता हूँ तो तुमको कैसा लगता है” पापा मेरी चुचियों को नीचोड़कर बोले तो मैं उतावाली हो बोली, “हाए पापा ऊह् ससीए इस तरह तो मुझे और भी अच्छा लगता है.” “जब तुम कपड़े उतार कर नंगी होकर मज़ा लोगी तो और ज़्यादा मज़ा आएगा. हाए तुम्हारी चूचियों छोटी हैं.”

“पापा मेरी चूचियाँ छोटी क्यों हैं. मम्मी की तो बड़ी हैं.” घबराओ मत बेटी. तुम्हारी चूचियों को भी मम्मी की तरह बड़ी कर दूँगा. हाए बेटी कपड़े उतार कर नंगी होकर बैठो तो बड़ा मज़ा आएगा.” “पापा चड्डीभी उतार दूं.” मैं अनजान बनी थी.” हां बेटी चड्डी भी उतार दो. लड़कियों का असली मज़ा तो चड्डी मे हीहोता है. आज तुमको सारी बात बताएँगे. जब तक तुम्हारी शादी नही होती तब मैं ही तुमको शादी वाला मज़ा दूँगा. तुम्हारे साथ मैं ही सुहागरातमनाउन्गा. तुम्हारी चूचियाँ बहुत टाइट हैं. बेटी नंगी हो जाओ.” पापा फ्रॉक के अंदर हाथ डाल दोनो को दबाते बोले.

जब पापा ने मेरी चूचियों को मसलते हुवे कपड़े उतारने को कहा तो यक़ीन हो गया कि आज पापा के लंड का मज़ा मिलेगा. मैं उनके लंड को खाने की सोच गुड़गूदा गयी थी. मैं मम्मी की रंगीन चुदाई को याद करती कुर्सी से नीचे उतरी और कपड़े उतारने लगी. कपड़े उतार नंगी हो मम्मी की तरह ही पैर फैला कर कुर्सी पैर बैठ गयी. मेरी छोटी छोटी चूचियाँ तनी थी और मुझे ज़रा भी शरम नही लग रही थी. मेरी जांघो के बीच रोएदार चूत पापा को सॉफ दिख रही थी.पापा मेरी गदराई चूत को गौर से देख रहे थे. चूत का गुलाबी छेद मस्तथा. पापा एक हाथ से मेरी गुलाबी कली को सहलाते बोले, “हाय राम बेटीतुम्हारी तो जवान हो गयी है.”

क्या जवान हो गयी है पापा. “अरे बेटीतुम्हारी चूत.” पापा ने चूत को दबाया. पापा के हाथ से चूत दबाए जाने परमैं सनसना गयी. मैं मस्ती से भरी अपनी चूत को देख रही थी. तभी पापा ने अपने अंगूठे को क्रीम से चुपड मेरी चूत मे डाला. वो मेरी चूत को क्रीम सेचिक्नी कर रहे थे. अंगूठा जाते ही मेरा बदन गन्गना गया. तभी पापा ने चूत से अंगूठा बाहर किया तो उसपर लगे चूत के रस को देख बोले, “हाए बेटी यह क्या है. क्या किसी से चुदवाकर मज़ा लिया है” मैं पापा के अनुभव से धक्क से रह गयी. मैं घबराकर अनजान बनती बोली, “कैसा मज़ा पापा” “बेटी यहाँ कोई आया था” नही पापा यहाँ तो कोई नही आया था. तो फिर तुम्हारी चूत मे यह गाढ़ा रस कैसा” मुझे क्या पता पापा जब आप मेरी चुचियाँ मसल रहे थे तब कुच्छगिरा था शायद. मैं बहाना बनाती बोली. “लगता है तुम्हारी चूत ने एक पानी छ्छोड़ दिया है. लो टवल से सॉफ कर लो.”

पापा मुझे टवल दे चूचियों को मसलते हुवे बोले. पापा से टवल ले अपनी चूत को रगड़ रगड़ कर सॉफ किया. पापा को उमेश वाली बात पता नही चलने दी. मैं चूचियाँ मसल्वाते हुवे पापा से खुलकर गंदी बाते कर रही थी ताकि सभी कुच्छ जान सकूँ. “बेटी जब तुम्हारी चूचियों को दबाता हूँ तो कैसा लगता है” “हाए पापा तब जन्नत जैसा मज़ा मिलता है.” “बेटी तुम्हारी चूत मे भी कुच्छ होता है” हाँ पापा गुड़गूदी हो रही है.” मैं बेशरम होकर बोली.” ज़रा तुम्हारी चूचियाँ और दबा लूँ तो फिर तुम्हारी चूत को भी मज़ा दूं. बेटी किसी को बताना नही
नही पापा बहुत मज़ा है. किसी को नही पता चलेगा.” पापामेरी चूचियों को मसलते रहे और मैं जन्नत का मज़ा लेती रही.

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कुच्छ देर बाद मैं तड़प कर बोली, “ऊओहह्छ पापा अब बंद करो चूचियाँ दबाना और अब अपनी बेटी की चूत का मज़ा लो.” अब मैं भी पापा के साथ खुलकर बात कर रही थी. इस समय हम दोनो बाप-बेटी पति-पत्नी थे. पापा मेरी चूचियों को छ्छोड़कर मेरे सामने आए. पापा का मोटा लंड खड़ा होकर मेरीआँख के सामने फूदकने लगा. लंड तो पापा का पहले भी देखा था पर इतनी पास से आज देख रही थी. मेरा मन उसे पकड़ने को लालचाया तो मैने उसे पकड़ लिया और दबाने लगी. चूत पापा के मस्त लंड को देख लार टप्कने लगी. मैं पापा के केले को पकड़कर बोली, ओह्ह्ह पापा आपका लंड बहुत मोटा है. इतना मोटा मेरी चूत मे कैसे जाएगा”
अरे पगली मर्द का लंड ऐसा ही होता है. मोटे से ही तो मज़ा आता है.

परपापा मेरी चूत तो छोटी है.” “कोई बात नही बेटी. देखना पूरा जाएगा.”पर पापा मेरी फ़टट जाएगी.” अरे बेटी नही फटेगी. एक बार चुद जाओगी तो रोज़ चुदवाने के लिए तड़पोगी. अपने पैर फैलाकर चूत खोलो पहले अपनी बेटी की चूत चाट ले फिर चोदुन्गा. मैं समझ गयी कि पापा मम्मी की तरह मेरी चूत को चटना चाहते हैं. मैने जब मम्मी को चूत चटवाते देखा था तभी से सोच रही थी कि काश पापा मेरी चूत भी चाते. अब जब पापा ने चूत फैलाने के लिए बोला तो फ़ौरन दोनो हाथ से चूत की दरार को फैला कर खोल दिया. पापा घुटने के बल नीचे बैठ गये और मेरी रोएदार चूत पर अपने होंठ रख चूमने लगे. पापा के चूमने पर मैं गनगना गयी. दो चार बार चूमने के बाद पापा ने अपनी जीभ मेरी चूतके चारो ओर चलाते हुवे चाटना शुरू किया. वह मेरे हल्के हल्के बाल भी चाटरहे थे. मुझे ग़ज़ब का मज़ा आ रहा था. पापा चूत चाटते हुवे टीट (क्लिट)भी चाट रहे थे.. मैं मस्त थी. उमेश तो बस जल्दी से चोदकर चला गया था.

चूचि भी नही दबाया था जिससे कुच्छ मज़ा नही आया था. लेकिन पापा तो चालकखिलाड़ी की तरह पूरा मज़ा दे रहे थे. पापा ने चूत के बाहर चाट चाट करगीला कर दिया था. अब पापा चूत की दरार मे जीभ चला रहे थे. कुच्छ देर तकइसी तरह करने के बाद पापा ने अपनी जीभ मेरी गुलाबी चूत के लास लसाए छेदमे पेल दिया. जीभ छेद मे गयी तो मेरी हालत खराब हो गयी. मैं मस्ती सेतड़प उठी. पहली बार मेरी चूत चॅटी जा रही थी. इतना मज़ा आया कि मैं नीचे सेचूतड़ उछालने लगी. कुच्छ देर बाद पापा चूत चाट कर अलग हुवे और अपने खड़ेलंड को मेरी चूत पर लगा लंड से चूत रगड़ने लगे

चूत की चटाई के बाद लंड की रागदाइ ने मुझे पागल बना दिया और मैंउतावले पन से पापा से बोली, “पापा अब पेल भी दो मेरी चूत मे. आअहह्ह्हऊऊहह्छ.” पापा ने मेरी तड़पति आवाज़ पर मेरी चूचियों को पकड़कर कमर कोउठाकर धक्का मारा तो करारा शॉट लगने पर पापा का आधा लंड मेरी चूत मेघुस गया. पापा का मोटा और लंबा लंड मेरी छोटी सी चूत को ककड़ी की तरह चीरकर घुसा था. आधा जाते ही मैं दर्द से तड़प कर बोली, “आआाहह्ह्ह्ह्हठऊऊईई ममम्म्माररर्र गयी पापा. धीरे धीरे पापा बहुत मोटा है पापा चूतफट गयी.” पापा का मोटा और लंबा लंड मेरी चूत मे कसा था.

मेरे कराहने परपापा ने धक्के मारना बंद कर मेरी चूचियों को मसलना शुरू किया. अब मज़ाआने लगा. 6-7 मिनिट बाद दर्द ख़तम हो गया. अब पापा बिना रुके धक्के लगा रहे थे. धीरे धीरे पापा का पूरा लंड मेरी चूत की झिल्ली फाड़ता हूवा घुस गया. मैं दर्द से छ्त्पटाने लगी. ऐसा लगा जैसे चूत मैं चाकू(नाइफ) धँसा है. मैं कमर झटकते बोली, “हाए पापा मेरी फट गयी. निकालो मुझे नही चुदवाना.” पापा अपना लंड पेलते हुवे मेरे गाल चाट रहे थे. पापा मेरे गाल चाट बोले, “बेटी रो मत अब तो पूरा चला गया. हर लड़की को पहली बार दर्द होता है फिर मज़ा आता है.”

कुच्छ देर बाद मेरा कराहना बंद हूवा तो पापा धीरे धीरे चोदने लगे. पापाका कसा कसा आ जा रहा था. अब सच ही मज़ा आ रहा था. अब जब पापा ऊपर से धक्का लगाते तो मैं नीचे से गांड उछालती. उमेश तो केवल ऊपर से रगड़ कर चोदकर चला गया था. असली चुदाई तो पापा कर रहे थे. पापा ने पूरा अंदर तक पेल दिया था. पापा का लंड उमेश से बहुत मज़ेदार था. जब पापा शॉट लगाते तो सूपड़ा मेरी बच्चेदानी तक जाता. मुझे जन्नत के मज़े से भी अधिक मज़ा मिल रहा था. तभी पापा ने पूछा, बेटी अब दर्द तो नही हो रहा है “हाए पापा अब तो बहुत मज़ा आ रहा है. आअहह्छ पापा और ज़ोर ज़ोर से चोदिये.”

पापा इसी तरह 20 मिनिट तक चोदते रहे. 20 मिनिट बाद पापा के लंड से गरम गरम मलाईदार पानी मेरी चूत मे गिरने लगा. जब पापा का पानी मेरी चूत मे गिरा तो मैं पापा से चिपक गयी और मेरी चूत भी फालफ़लकार झड़ने लगी. हम दोनो साथ ही झाड़ रहे थे. पापा ने फिर मुझे रात भर चोदा. सुबह 12 बजे सोकर उठे तोमैने पापा से कहा, “पापा आज फिर चोदेन्गे अरे मेरी जान अब मैं बेटी चोदबन गया हू. अब तो तुझे रोज़ ही चोदुन्गा. अब तो तू मेरी दूसरी बीवी है
पर पापा जब मम्मी आ जाएँगी तो अरे मेरी जान उसे तो बस एक बार चोद दूँगा और वह ठंडी हो जाएगी फिर तेरे कमरे मैं आ जाया करूँगा. मैं फिर पापा के साथरोज़ सुहागरात मनाने लगी. तो दोस्तो कैसी लगी ये कहानी दोस्तो फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राज शर्मा



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