हाय दोस्तो, मेरा नाम जुनैद खान उर्फ़ जैक है। मेरी उम्र 20 साल है.. मैं दिखने में एकदम सुन्दर और आकर्षक हूँ। मेरी लम्बाई 5.9″ की है मेरी और मेरे नवाब की लम्बाई और मोटाई भी किसी भी चुदासी बेगम की चूत के लिए एकदम परफेक्ट है।
मैंने यहाँ बहुत सी सेक्स कहानियां पढ़ी हैं। मुझे लगता है कि मुझे भी अपने साथ घटी घटना आपको बतानी चाहिए।
ये तब हुआ जब मेरा नवाब मतलब मेरा लंड ज्यादा समझदार नहीं था। बस मैं थोड़ी बहुत हाथ से मस्ती करके ही खुश हो जाता था। ये बात है तब कि जब मैं 12 वीं क्लास में पढ़ता था।
हमारा घर पड़ोसी के घर से एकदम जुड़ा हुआ था, उस घर में एक लड़की रहती थी, उसका नाम आशिमा था।
आशिमा बहुत ही भरे हुए शरीर वाली लड़की थी, उसके मोटे-मोटे बोबे थे.. उस पर गली के सारे लड़के मरते थे। उसकी गांड के जलवे तो क्या बताऊँ आपको.. साली ऐसे निकली हुए थी कि लौड़ा बागी हो उठता था।
वो ऐसे चलती थी तो लगता था जैसे उसकी पिछाड़ी डांस कर रही हो। इतना भरा हुआ शरीर था उसका.. कि जो उसको देखता.. उसका लंड अकड़ जाता था।
तो ये किस्सा तब हुआ जब मेरे एग्जाम चल रहे थे। मैं पढ़ाई में होशियार था.. और वो कमज़ोर थी। वो छत पे सुबह-सुबह पढ़ने आ जाती थी और मुझे आवाज देकर बुला लेती थी।
एक बार जब मैं उसको पढ़ाई को लेकर कुछ समझा रहा था.. तो वो मेरी तरफ देखती ही जा रही थी।
मैंने उसे बोला- मुझे मत देख.. नीचे देख।
तो वो हड़बड़ा गई..
उसकी ये हरकत देखकर मेरा मन भी मचल गया। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी जाँघों पर हाथ रखा और इंतजार करने लगा कि वो क्या करती है.. पर उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया.. सब नार्मल था।
फिर मैंने एक उंगली से धीरे से उसकी जाँघ को दबाया.. तो उसने मेरी तरफ देखकर नीचे मुँह कर लिया।
यह देखकर मुझमें हिम्मत आई, मैं धीरे-धीरे उसकी चूत तक हाथ ले गया.. और उसकी चूत के पास की हड्डी पर हाथ लगाया तो वो उसे ढीली-टाइट कर रही थी।
मुझे लगा कि इसे मज़ा आ रहा होगा इसलिए कर रही होगी। फिर मैंने उसकी चूत पर हाथ फिराया.. बहुत देर तक बहुत मैंने मज़े लिए।
हालांकि अब वो बार-बार बोल रही थी- कोई आ जाएगा.. कोई आ जाएगा।
पर मैं ऐसे ही करता रहा.. ज़िन्दगी में पहली बार कर रहा था तो अलग ही मज़ा मिल रहा था।
थोड़ी देर में उसकी चूत गीली हो गई थी। मैं भी कितना नादान था।
मैंने उससे बोल दिया- हट गन्दी.. तू सू सू क्यों कर रही है।
उसने कुछ नहीं बोला.. फिर ये सब बहुत दिन तक चलता रहा।
एक दिन क्या हुआ कि मेरी माँ और सब घर वाले बाहर गए हुए थे। मैं स्कूल से घर आया हुआ था। टिफ़िन में देखा तो रोटी नहीं थी। तो मुझे लगा कि उस लड़की के घर से ले आता हूँ। तो मैं उसके घर ऊपर से छत से होकर गया क्योंकि हमारा घर उसके घर से मिला हुआ था।
जैसे ही मैं उसके घर में गया.. वहाँ कोई नहीं था। मैंने आवाज दी.. तो किचन से आवाज आई- हाँ क्या हुआ?
ये आवाज उसकी ही थी। मैं किचन में गया.. तो वो बर्तन साफ़ कर रही थी।
मैंने पूछा- सब कहाँ गए?
तो वो बोली- तुम्हारे और हमारे घर वाले खाना खाने गए हुए हैं.. तेरी अम्मी बोल कर गई हैं कि तू आ जाए तो तुझे बोल दूँ.. कि उधर ही जाकर खाना खा आए।